भोपाल : जल संसाधन मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट ने कहा है कि प्रदेश के बांधों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दें। मंत्री श्री सिलावट ने आज मंत्रालय में बांध सुरक्षा संबंधी बैठक में यह निर्देश दिए। श्री सिलावट कहा कि वर्षा काल से पूर्व प्रदेश के सभी बांधों की सुरक्षा संबंधी रिपोर्ट बनाई जाये। इसके लिये संभाग स्तरीय निरीक्षण समितियों का गठन हो, जो सभी मुख्य बांधों की सुरक्षा संबंधी ऑडिट रिपोर्ट बनाकर प्रस्तुत करे।
मंत्री श्री सिलावट ने गांधी सागर बांध की सुरक्षा संबंधी जाँच समिति की रिपोर्ट पर चर्चा कर रिपोर्ट पर कार्रवाई के निर्देश दिये। प्रमुख अभियंता, मुख्य अभियंता बांध सुरक्षा सहित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।
मंत्री श्री सिलावट ने बांधों की सुरक्षा के संबंध में भारत सरकार द्वारा पारित नवीन बांध सुरक्षा अधिनियम-2021 के प्रावधानों पर भी कर उन्हें शीघ्र लागू किये जाने के निर्देश दिये। साथ ही बांध सुरक्षा के संबंध में पूर्व में दिये गये निर्देशों के अनुपालन और विभाग द्वारा की गई कार्यवाही की रिपोर्ट 5 दिन में प्रस्तुत करने को कहा। उन्होंने सभी महत्वपूर्ण बांधों एवं नहरों पर सी.सी.टी.वी. कैमरे लगाने, पुराने गेटों की मरम्मत एवं बांध सुरक्षा में नवीन तकनीक के उपयोग के निर्देश दिये। उन्होंने इस कार्य में तकनीक विशेषज्ञों की सहायता लेने को कहा।
मंत्री श्री सिलावट ने कहा कि बांध सुरक्षा में नवीन तकनीक आर.टी.डी.ए.एस. प्रणाली का उपयोग किया जाये। यह एक चेतावनी प्रणाली है, जिससे अतिवृष्टि के समय बांध में जल की आवक को देखते हुए गेट खोलने और अन्य आवश्यक कदम उठाने में मदद मिलेगी।
मध्यप्रदेश बांधों की सुरक्षा की सजगता को लेकर अग्रणी राज्य है। बांध सुदृढ़ीकरण एवं उन्नयन परियोजना के प्रथम चरण में प्राथमिकता के आधार पर पिछले 5 वर्षों में 25 बांधों का पुनरूद्धार किया जा चुका है। दूसरे चरण में 551 करोड़ रूपये के व्यय से 26 बांधों का सुदृढ़ीकरण किया जाना प्रस्तावित है।
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