आगर मालवा-
शासन के नियमो को खुले आम ठेंगा दिखाते हुए एक बार फिर निजी बस संचालक दिखाई दिए है ।
इस बार मामला है आगर मालवा जिले के ग्राम परसूलियाकला के निवासी दिव्यांग बलराम बगड़ावत एवं उनके जैसे अन्य साथियों का ।
दिव्यांग बलराम आगर में संचालित होने वाली गणगौर बस से यात्र कर रहे थे और जब इस बस का कंडक्टर बलराम के पास किराया लेने आया तब बलराम ने कंडेक्टर को अपना दिव्यांगता पास दिखाते हुए शासन के नियमानुसार आधा किराया देने की बात कही तो इस पर बस के कंडेक्टर ने बलराम से बहसबाजी कर उसे बूरी तरह अपमानित करते हुए उससे पूरा किराया ही वसूल किया ।
पूरे घटनक्रम से आहत बलराम ने जब गिरीश न्यूज़ से संपर्क किया तो हमने पूरे मामले को समझने के लिए शासन का दिव्यांगता पास रखने वाले कुछ अन्य दिव्यांगों से चर्चा की तो हमारे सामने आया कि ऐसा नही है कि निजी बस संचालकों को यह व्यहार सिर्फ बलराम के साथ ही हुआ हो सत्यता तो यह है कि लगभग हर दिव्यांग को निजी बस संचालकों से लगभग इसी प्रकार का व्यवहार का सामना करना पड़ता है ।
पूरे घटनाक्रम से एक बात बिल्कुल साफ है कि जिन दिव्यांगों के प्रति एक सामान्य मनुष्य को साधारणतः यू ही सह्रदयता पूर्वक व्यवहार करना चाहिए वही मनुष्य अपने लालच के चलते सारी मानवता ताख पर रखने से भी गुरेज नही करता है ।
अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि इस पूरे प्रकरण को लेकर शासन के जिम्मेदार किस तरह से अपनी जिम्मेदारी और मानवीयता निभाते है या फिर ये सब अवैध एवं अमानवीय व्यवहार इस तरह ही खुले आम चलता रहेगा ?
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