दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने यह दावा करके लोगों को भयभीत करने की कोशिश की कि जनता के कल्याण पर सरकारी पैसा खर्च करने से भारत बर्बाद हो जायेगा। उन्होंने केंद्र से नागरिकों के कल्याण में पैसा निवेश करने का आग्रह किया। सिसोदिया ने दिल्ली सचिवालय में संवाददाता सम्मेलन में दावा किया कि शासन के दो मॉडल हैं जिनमें से एक ‘दोस्तवादी’ मॉडल है और दूसरा जन कल्याणकारी योजनाओं में निवेश करना है।
आम आदमी पार्टी (आप) के नेता सिसोदिया ने कहा, ‘‘भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के ‘दोस्तवादी’ मॉडल के जरिये उसके (भाजपा) दोस्तों के लाखों करोड़ रुपये का कर्ज माफ किया जाता है लेकिन आम आदमी को स्वास्थ्य और शिक्षा जैसी सुविधाओं से वंचित रखा जाता है।” उन्होंने कहा, ‘‘वे ‘दोस्तवादी’ की राजनीति (दोस्तों के कल्याण के लिए) करते हैं और हम आम लोगों के लिए राजनीति करते हैं।” सिसोदिया ने कहा कि लोगों के लिए मुफ्त योजनाएं प्रदान करने के बावजूद ‘आप’ के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार का ‘‘राजस्व अधिशेष” है, जबकि भाजपा शासित राज्यों की सरकारें घाटे में हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा जनता के लिए कल्याणकारी योजनाओं को ‘मुफ्त की रेवड़ी कहती है, लेकिन हम इसे अपने लोगों में निवेश करना कहते हैं। कल केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने यह कहकर लोगों को डराने की कोशिश की कि जन कल्याण पर सरकारी पैसा खर्च करना देश को तबाह कर देगा।” उन्होंने कहा, ‘‘मैं उनसे ‘दोस्तवादी’ की राजनीति करने के बजाय देश के नागरिकों के कल्याण में निवेश करने का आग्रह करता हूं।”