युवती की हुई एसडीएम/डिप्टी कलेक्टर के पद पर नितुक्ति । युवती का हुआ सम्मान । अब नियुक्ति पत्र को जानकर बता रहे फर्जी ।
आगर मालवा-
आगर की युवती नैंसी शर्मा का एसडीएम/डिप्टी कलेक्टर के पद पर नियुक्ति हेतु आया पत्र अब चर्चा का विषय बन गया है ।
जहां एक और जानकर इस नियुक्ति पत्र को फर्जी बता रहे है वहीं नैंसी के घरवाले नियुक्ति पत्र पर उठ रहे तमाम सवालों का जवाब देने के लिए अभी 2 माह का समय मांग रहे है ।
इस बीच नियुक्ति पत्र प्राप्त होने पर और इसकी सूचना सोशल मीडिया से प्राप्त होने के बाद आगर के एक प्रतिष्ठित स्कूल ने तो एक समारोह आयोजित कर नैंसी शर्मा का सम्मान भी कर दिया है ।
जब हमने इस विवादित नियुक्ति पत्र को जानकारों को दिखाया तो उनके अनुसार इस प्रकार का कोई नियुक्ति पत्र केंद्र या राज्य शासन द्वारा जारी नही किया जाता है क्योंकि इसमें ना तो डिस्पेच नंबर है, नाही प्रिमिनरली सिविल सर्विस के नाम से कोई पोस्ट होती है, नाही इस तरह एसडीएम/डिप्टी कलेक्टर की पोस्ट के लिए कोई नियुक्ति पत्र जारी होता है, ना ही पत्र में दर्शाई गई पे-बेंड होती है और ना ही सिविल सेकेट्री ऑफ एमपी जिसे इस पत्र की कॉपी जारी की गई है नाम का कोई पद मप्र में होता है ।
सबसे बड़ी बात यह है कि यदि इस तरह की पोस्टिंग के लिए कोई नियुक्ति पत्र जारी किया जाता है तो वह कार्मिक विभाग द्वारा जारी किया जाता है ना कि गृह विभाग द्वारा वही इंग्लिश में गृह विभाग की गलत स्पेलिंग और उसके साथ ही 15-9-2022 को जारी हुए पत्र पर नैंसी शर्मा द्वारा 15-9-2022 को ही हस्ताक्षर हो जाना कई प्रकार के सवाल खड़े करता है ।
यह जो पूरा घटनाक्रम है उससे ऐसे छात्रों को भी काफी समस्या का सामना करना पड रहा है जो एमपी पीएससी या यूपीएससी की तैयारी कर रहे है क्योकि जब इस तरह के सिलेक्शन की खबर इन छात्रों के अभिभावक, रिश्तेदारों और मित्रों को मिल रही है तो वह भी इन छात्रों से पूछ रहे है कि तुम्हारे परीक्षा का परिणाम क्या रहा ? क्या तुम्हार सिलेक्शन नही हो पाया ?
जबकि सत्यता तो यह है कि 2018 के बाद से ही आरक्षण विवाद के चलते अभी तक एमपी पीएससी का कोई फाइनल रिजल्ट नही आया है वहीं यूपीएससी का भी अभी हाल ही में कोई फाइनल रिजल्ट नही आया है ।
ऐसे में नैंसी के परिजनों का यह कहना कि यह नियुक्ति पत्र एमपी पीएससी और यूपीएसी से अलग पीसीएस संस्था द्वारा जारी किया गया है और बाकी सभी जानकारी के लिए 2 माह का समय मांगने ने इस पूरे मामले को और उलझा दिया है और इसके चलते कुछ लोगो की सोच है कि कही नैंसी और उसके परिवार के साथ तो किसी ने बड़ी धोखाधड़ी नही कर दी है या फिर क्या वास्तव में नैंसी का सिलेक्शन एसडीएम/डिप्टी कलेक्टर की पोस्ट के लिए हो गया है ?
खेर मामला पेचीदा है और इसकी वास्तविकता आने वाले समय मे उचित जांच अथवा नैंसी के परिजनों द्वारा स्वयं खुलासा करने के बाद ही सामने आ पाएगी ।