10 लाख का बीमा एवं कार के ऋण से मुक्त होने के लिए अपनी 7 माह की गर्भवती पत्नी की मय कार नदी में डूबाकर हत्या करने के आरोपी को न्यायालय ने सुनाई उम्र कैद की सजा और 10 हजार का जुर्माना ।
आगर मालवा-
जानबुझकर गाडी नदी में गिराकर पत्नी रींकु पुरी पति संतोष पुरी जाति गोस्वामी उम्र 24 साल निवासी 402 राज टाउन सेटेलाईट जंक्शन तलावली चांदा
इन्दौर थाना लसुडिया इन्दौर की हत्या करने वाले अभियुक्त आरोपी:- संतोष पुरी पिता ओमप्रकाश पुरी जाति गोस्वामी उम्र 29 साल निवासी 402 राज टाउन सेटेलाईट जंक्शन लावली
चांदा इन्दौर थाना लसुडिया इन्दौर को न्यायालय अपर सत्र न्यायालय (श्री पंकज कुमार वर्मा) सुसनेर ने आजीवन कारावास व 10000 रूपये जुर्माने सें दण्डित किया है।
मीडिया प्रभारी एवं एडीपीओ पवन सौलंकी, सुसनेर, ने बताया कि अभियुक्त की शादी करीबन ढेड साल पहले आर्य समाज भोपाल से मृतिका से हुई थी उसकी पत्नी 07 माह गर्भवती थी दिनांक 5/10/19 को अभियुक्त आगर में उनके मामाजी के यहां से उनकी कार एमपी 09 सी आर 4401 से पुशकर जी जाने के लिए रवाना हुए थे ।
पुशकर जी से होते हुए जब दोनों पति पत्नी कार से वापस आगर आ रहे थे उस समय गाडी अभियुक्त स्वय चला रहा था एवं पास की सीट पर उसकी पत्नी बैठी हुई थी उसी समय रायपुर से आगे सुबह 6ः00 बजें राजस्थान बार्डर से आगे एमपी में चवली नदी के पुलिया से अभियुक्त ने कार नदी में गिरा दी जिससे डूबने से उसकी सात माह की गर्भवती पत्नी की मृत्यु हो गई ।
तत्कालीन थाना प्रभारी श्री हितेष पाटील के द्वारा मर्ग कायम कर जांच में लिया गया जांच के दौरान चश्मदीद साक्षी बजरंग ,हरिसिंह के कथन एवं मृतिका की बहन एवं उसके मित्र विक्की के कथन एवं उनके द्वारा प्रस्तुत व्हाटसअप की चैटिंग के आधार पर और अभियुक्त द्वारा मृतिका का एलआईसी इंश्योरेंस पॉलिसी की जांच के आधार पर यह सिद्द हुआ कि अभियुक्त ने उसकी पत्नी के नाम पर एलआईसी की 10 लाख की बीमा राशि और पत्नी के नाम पर ही फाइनेंस कराई कार की किश्तों के माफ होने की नीयत से उसकी 7 माह की गर्भवती पत्नी की इस प्रकार हत्या की है जिस पर अभियुक्त के विरूद्व धारा 302 भादवि का अपराध पंजीबद्व कर विवेचना पूर्ण कर अभियोग पत्र माननीय न्यायालय के समक्ष पेश किया गया।
जहाँ से माननीय न्यायालय ने एजीपी श्री मुकेश जैन चौधरी के तर्को से सहमत होते हुए अभियुक्त को धारा 302 भादवि में आजीवन कारावास व 4000 रूप्यें जुर्माना अर्थदण्ड के व्यतिक्रम में 01 माह कारावास , धारा 495 भादवि में 05 साल का कारावास व 3000 रूप्यें अर्थदण्ड अर्थदण्ड के व्यतिक्रम में एक माह कारावास तथा धारा 316 भादवि में 05 साल का कारावास व 3000 रूप्यें अर्थदण्ड अर्थदण्ड के व्यतिक्रम में एक माह का कारावास से दण्डित किया ।
अभियुक्त को दी गई उक्त सभी सजायें एक साथ भुगतायी जायें।
प्रकरण में महत्वपूर्ण सहयोग एडीपीओ पवन सौलंकी , मुकेश जैन चौधरी अति लोक अभियोजक, कोर्ट मोर्हरिर आरक्षक 230 आशीष सोनी, थाना सोयत मुंशी आर. 202 वनवारी वर्मा एवं सहायक ग्रेड 03 कृष्णकांत अग्रवाल के द्वारा किया गया।
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