जांच में खुला रोजगार सहायक की नियुक्ति में हुआ फर्जीवाड़ा । कार्यवाही की जगह जिला पंचायत में पसरी खामोशी से हल्ला मचाने को मजबूर शिकायतकर्ता । चयन समिति की भूमिका भी सवालों के घेरे में-
आगर मालवा-
आगर जनपद की फतेहपुर मेंढकी पंचायत के सहायक सचिव रामकैलाश शर्मा की नियुक्ति में हुआ फर्जीवाड़ा जांच में सामने भी आ चुका है पर इसके बाद भी जिला पंचायत के जिम्मेदारो का सुई पटक सन्नाटा अब शिकायतकर्ताओं को हल्ला मचाने के लिए मजबूर कर रहा है ।
प्रकरण के शिकायतकर्ताओं बालूसिंह, ईश्वरचंद्र शर्मा, भगवान सिंह, कन्हैया परमार सभी निवासी फतेहपुर मेंढकी का कहना है कि उन्होंने इस नियुक्ति के साथ ही पंचायत के अन्य भरस्टाचार के मामले में शिकायत करे हुए 4 माह से भी अधिक का समय हो चुका है । हमारी शिकायत पर जनपद आगर सीईओ अनिल त्रिवेदी द्वारा जांच भी की गई और उस जांच में हमारी शिकायते सही भी पाई गई और इसके बाद जिला पंचायत सीईओ डी.एस. रणदा ने रोजगार सहायक को दिनांक 16/12/2022 को शो-काज नोटिस भी जारी किया जिसमें 3 दिवस में जवाब मांगा गया था पर उसके बाद फिर मामला वहीं अटका हुआ है और अब कोई भी अधिकारी आगे कुछ करने और बताने को तैयार नही है ।
दरअसल इस पूरे प्रकरण में एक अहम मुद्दा रोजगार सहायक की नियुक्ति को लेकर है । रोजगार सहायक की 2012-13 में नियुक्ति के लिए कक्षा 12 वी की अंकसूची के प्रतिशत अंक जुड़ने थे और इसी को लेकर शिकायतकर्ताओ ने फतेहपुर मेंढकी के रोजगार सहायक रामकैलाश शर्मा की 12 वी की मार्कशीट की प्रतिलिपि प्रस्तुत कर यह आरोप लगाया कि रामकैलाश को 12 वी में कुल 243 प्राप्त हुए थे जबकि रोजगार सहायक की वरीयता सूचि में रामकैलाश शर्मा के 12 वी में 248 अंक बताए गए है और इस आधार पर द्वतिय क्रम के उम्मीदवार से मात्र .44 अंक अधिक प्राप्त कर रामकैलाश शर्मा का रोजगार सहायक के पद पर सिलेक्शन हो गया है जो कि फर्जी तरीके से हुआ है ।
शिकायत के बाद जनपद आगर सीईओ अनिल त्रिवेदी द्वारा की गई जांच में भी यह आरोप सही सिद्द हुआ कि रामकैलाश शर्मा द्वारा इस तरह का फर्जीवाड़ा कर रोजगार सहायक का पद प्राप्त किया गया है हालांकि सवाल उस चयन समिति पर भी है जिसने इस तरह से सिलेक्शन किया है क्योंकि यह देखना रोचक होगा कि क्या रामकैलाश शर्मा ने ही सिलेक्शन प्रोसेस में 243 अंक की जगह 248 अंक की फर्जी मार्कशीट प्रस्तुत की है अथवा सिर्फ सिलेक्शन कमेटी की साठगांठ से यह सब फर्जीवाड़ा हुआ है ?
हालांकि सवाल तो छत्तीसगढ़ की डॉक्टर सीवी रमन यूनिवर्सिटी से प्राप्त कंप्यूटर डिप्लोमा पर भी है जिनके आधार पर राधेश्याम शर्मा सहित ऎसे 12-13 आवेदकों को जिले में रोजगार सहायक के पद पर नियुक्त किया गया है ।
जब इन सारे सवालों के साथ गिरीश न्यूज़ ने जिला पंचायत सीईओ डी.एस. रणदा से संपर्क करना चाह तो अभी उनसे संपर्क हो नही पाया है ।
मामला बड़ा है और अधिकारियों की इस मामले में लापरवाही उससे भी बड़ी इसलिए अगली न्यूज़ में हम आपको पूरे प्रकरण की वास्तविकता दस्तावेजो और जिला पंचायत सीईओ के वर्जन के साथ अवगत कराने का प्रयास करेंगे ।