बुरहानपुर जिले के एक प्रकरण का निपटारा करते हुए राज्य सूचना आयुक्त राहुलसिंह ने डिप्टी कलेक्टर और वर्तमान एसडीएम दीपक चौहान पर 25,000/- रु. का जुर्माना और कलेक्टर भव्या मित्तल को अपीलार्थी को 10,000/- रु की क्षतिपूर्ति राशि दिलाने के आदेश दिए है । बुरहानपुर जिले के नेपानगर में बोरबन तालाब में मुआवजा राशि जारी करने में 42 लाख रुपए का घोटाला हुआ था। इस मामले में तत्कालीन एसडीएम विशा माधवानी निलंबित चल रहीं हैं। विशा माधवानी ने सितंबर 2021 में इसी मामले को लेकर सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगी थी और जानकारी नहीं मिलने पर प्रथम अपील कलेक्टर बुरहानपुर को प्रस्तुत की थी फिर यहां से अपील खारिज होने पर दूसरी अपील राज्य सूचना आयुक्त को की गई थी।
सूचना आयोग ने अपने आदेश में कहा कि निलंबित डिप्टी कलेक्टर विशा माधवानी को सूचना आयोग की धारा 7 (1) में जानकारी दी जाना थी, लेकिन डिप्टी कलेक्टर दीपक चौहान ने जानबूझकर जानकारी नहीं दी। मामले में बुरहानपुर कलेक्टर ने भी
विधि अनुरूप कार्य न करते हुए अपीलार्थी की अपील खारिज कर दी इस कारण 16 महीने से विशा माधवानी अपना पक्ष रखने के लिए दिए गए नोटिस का जवाब नहीं दे पा रहीं है। कलेक्टर द्वारा अपीलार्थी को क्षतिपूर्ति की राशि और डिप्टी कलेक्टर पर लगाए गए जुमनि की राशि एक महीने में जमा करने के निर्देश भी आयोग द्वारा दिए गए हैं।
दरअसल नेपानगर के चौखंडिया में 2018- 19 में बोरबन तालाब 15 करोड़ रुपए की लागत से तैयार हुआ था।
इसमें रामेश्वर कल्लू को उसकी 15 एकड़ जमीन डूब में आने से 42,11,000/- मुआवजा राशि मिलनी थी । इसी मुआवजा राशि के भुगतान में किए गए फर्जीवाड़े के तहत रामेश्वर के परिवार के 2 सदस्यों के नाम से फर्जी खाते खोलक चंदू के खाते में 17 लाख और कलावती के खाते में 25 लाख रुपए डाले गए थे। इस फर्जीवाड़े की शिकायत के बाद हुई जांच में डिप्टी कलेक्टर विशा वाधवानी सहित अन्य को दोषी पाया गया था और केस दर्ज हुआ था। इस मामले में होमगार्ड जवान सचिन वर्मा की जहर खाने के कारण मौत हो चुकी है।
विशा माधवानी ने बताया कि बोरबन तालाब मामले में मुझ पर लगे आरोप में मेरी बेगुनाही साबित करने के लिए मैन दस्तावेजों के साथ ही पूरी जांच के दौरान की गई वीडियोग्राफी भी मांगी थी पर आरटीआई लगाने के बाद भी मुझे सूचना अधिकारी द्वारा पूरी जानकारी उपलब्ध नही करवाई गई है ।