जिले के पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी और अक्सर विवादो में रहने वाले के. के. अग्रवाल को निलंबित किया गया । आयुक्त उज्जैन द्वारा जारी किया गया निलंबन का आदेश । के. के. अग्रवाल के और भी कई मामले है पेंडिंग
आगर मलवा :- जिले के पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी और अक्सर विवादो में रहने वाले के. के. अग्रवाल को निलंबित कर दिया गया है ।
निलंबन के यह आदेश आयुक्त उज्जैन द्वारा जारी किया गया है ।
आदेशानुसार जांच प्रतिवेदन में तत्कालीन आहरण संवितरण अधिकारी रहते के. के. अग्रवाल द्वारा कूट रचित दस्तावेज तैयार कर नियमो के विपरीत 2,07,550/- की राशि व्यय करने के आरोप सिद्द पाए गए है और इसी आधार पर यह कार्यवाही की गई है ।
हम आपको बतादे कि इसके अलावा के. के. अग्रवाल के खिलाफ कुछ और आर्थिक अनियमितता एवं नियम विरुद्ध कार्य के मामले पेंडिंग है जिसमे या तो जांच चल रही है या फिर जिनमे वो दोषी पाए गए है ।
जिनमे जिला शिक्षा अधिकारी रहते हुए इनके द्वारा नियम विरुद्ध तरीके से लगभग 38 लाख की खरीदी का मामला प्रमुख है जिसे जिम्मेदारों ने पिछले 1 साल से जांच के नाम पर अटका रखा है वहीं एक अन्य ममाला नियम विरुद्ध तरीके से अनुकंपा नियुक्ति करने का है जिसमे जांच में यह दोषी भी पाए गए थे और उस समय भी अपर कलेक्टर आगर द्वारा दिनांक 5/12/2022 को इन्हें निलंबित करने का आदेश जारी किया गया था पर उसका पालन भी आज दिनांक तक जिम्मेदार नही करवा पाए है ।
के. के. अग्रवाल की खासियत यह भी है कि उनके कार्यकाल में उनपर कई तरह के आरोप लगते रहे और कुछ जांच में सही पाए भी गए पर इन सब घटनाकर्मो का उनकी नोकरी पर कोई खास असर नही पड़ा क्योंकि समय-समय पर ये सब मामले कुछ इस तरह सेटल किए गए जिसकी वर्तमान सिस्टम में मिसालें दी जा सकती है और ऐसे ही घटनाक्रम के बीच के. के. अग्रवाल हमेशा मलाईदार पद डीपीसी, जिला शिक्षा अधिकारी, आहरण संवितरण अधिकारी और फिर प्रमोशन लेकर उच्चतर मा. वी. के प्राचार्य पद पर भी प्रमोट हो गए ।
सूत्रों के अनुसार इसके साथ ही इनपर एक अन्य आरोप जिला शिक्षा अधिकारी रहते हुए नियम विरुध्द तरीके से स्वयं की सीआर लिखने का भी है जिसकी भी जांच अभी की जा रही है ।
आज आयुक्त उज्जैन द्वारा निलंबन का जो आदेश जारी किया गया है उसके अनुसार-
संयुक्त संचालक, लोक शिक्षण, उज्जैन संभाग उज्जैन द्वारा प्रस्ताव क्रमांक 30 / सर्तकता / 2023/ उज्जैन, दिनांक 25.01.2023 द्वारा प्रतिवेदित किया गया हैं, कि शिकायतकर्ता श्री रामेश्वर यादव, सूरज किराना स्टोर्स छावनी नाका. आगर मालवा द्वारा श्री नंदकिशोर कारपेन्टर, तत्का, प्रभारी प्राचार्य, शास. उत्कृष्ट उ.मा.वि. आगर मालवा एवं श्री के. के. अग्रवाल, तत्का आहरण संवितरण अधिकारी वर्तमान प्राचार्य, शास. उ.मा.वि. सोयतकलां जिला आगर मालवा के विरुद्ध वित्तीय अनियमितता के संबंध में की गई शिकायत के संबंध में जांच अधिकारी श्री रमेश चन्द्र भाबोर, प्राचार्य, शा. उत्कृष्ट उ.मा.वि. सुसनेर जिला आगर मालवा द्वारा प्रस्तुत प्रतिवेदन अनुसार आयुक्त लोक शिक्षण, मध्यप्रदेश भोपाल के पत्र क्रमांक 365-66 / उ. वि.से. / बजट आवंटन / 56 / 2018 / दिनांक 13.12.2018 में अनुदान हेतु योजना 0101-4980 के तहत चतुर्थ त्रैमास हेतु रूपये 207550/- का बंटन विद्यालय में स्मार्ट क्लास की स्थापना, वर्चुअल क्लास के इक्वेिमेंटस का सुदृढीकरण एलसीडी प्रोजेक्टर, टी.व्ही. साउंड सिस्टम एवं शाला परिसर का सुदृढीकरण हेतु राशि आवंटित की गई थी परन्तु श्री नंदकिशोर कारपेन्टर (मूल पद उ.मा.शि.) द्वारा विद्यालय में स्मार्ट क्लास की स्थापना वर्चुअल क्लास के इक्वेिमेंटस का सुदृढीकरण एल. सी.डी. प्रोजेक्टर, टी.व्ही. साउंड सिस्टम एवं शाला परिसर का सुदृढ़ीकरण नहीं करते हुए पेवर ब्लॉक लगाने, अलमारी खरीदने टीन शेड लगाने में उपयोग किया गया।
आयुक्त, लोक शिक्षण मध्यप्रदेश भोपाल के पत्र दिनांक 13.12.2018 के बिन्दु क्रमांक 03 अनुसार प्रथम त्रैमास में 25 प्रतिशत एवं चतुर्थ त्रैमास में 30 प्रतिशत राशि आहरण कर भुगतान किया जाना था परन्तु आहरण संवितरण अधिकारी आगर ने आबंटित राशि का शतप्रतिशत आहरण किया गया। जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा प्रकरण के परीक्षण में पाया गया कि संबंधितो द्वारा लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा जारी बंटन राशि रूपये 207550/- का निर्देशानुसार व्यय निर्धारित मदों के विपरीत जाकर राशि का आहरण कर वितरण किया गया।
उक्त राशि का उपयोग कुटरचित दस्तावेजों के आधार पर आर्थिक लाभ प्राप्त करने की दृष्टि से नियम विरुद्ध एवं क्रय नियमों का पालन न करते हुये मनमाने ढंग से किया गया, जो स्वैच्छारिता आयुक्त, लोक शिक्षण संचालनालय के निर्देशों की अवहेलना एवं शासन को आर्थिक नुकसान पहुँचाने की दृष्टि से किया गया। स्पष्ट हैं श्री के. के. अग्रवाल, तत्का आहरण एवं संवितरण अधिकारी वर्तमान प्राचार्य, शासकीय उ०मा०वि० सोयतकलां जिला आगर-मालवा के उपरोक्त कृत्यों से गंभीर वित्तीय अनियमितता एवं शासकीय कार्य के प्रति गंभीर लापरवाही प्रतीत होती हैं।
अतः श्री के. के. अग्रवाल, तत्का आहरण एवं संवितरण अधिकारी, वर्तमान प्राचार्य, शासकीय उ०मा०वि० सोयतकलां जिला आगर-मालवा का उक्त कृत्य म०प्र० सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 के नियम 3 (1) के (एक) (दो) (तीन) के विपरीत होकर कदाचरण की श्रेणी में आने के कारण श्री के. के. अग्रवाल, तत्का आहरण एवं संवितरण अधिकारी, वर्तमान प्राचार्य, शासकीय उ०मा०वि० सोयतकलां जिला आगर-मालवा को उक्त गंभीर कृत्य के लिये म०प्र० सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम-1966 नियम 9 (1) (क) के अंतर्गत निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाता है।
इस निलंबन आदेश की प्रभाव शीलता के दौरान श्री के. के. अग्रवाल, तत्का आहरण एवं संवितरण अधिकारी, वर्तमान प्राचार्य, शासकीय उ०मा०वि० सोयतकलां जिला आगर-मालवा का मुख्यालय जिला शिक्षा अधिकारी जिला आगर-मालवा रहेगा। इन्हें निलंबनकाल में नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ता प्राप्त करने की पात्रता होगी-