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कलेक्टर की सक्रियता के बाद किसानों को मिलने लगा नहर से पानी । किसानों के चहरे पर लोटी खुशी । पहले सिंचाई विभाग के अधिकार डेम में पानी का प्रेषर कम होंने से नहर में पानी नही पहुँचने कर रहे थे बात । गिरीश न्यूज़ ने 25 फरवरी को दिखाई थी किसानों की यह पीड़ा

आगर मालवा:-
जिले के कलेक्टर कैलाश वानखेड़े की सक्रियता के बाद अब किसानों को उस नहर से पानी मिलने लगा है जिसमे पिछले लगभग एक माह से पानी नही आने के कारण किसानों की गेंहू की फसल सूखने के कगार पर पहुँच गई थी ।
गिरीश न्यूज़ ने किसानों की इस पीड़ा को लेकर जब 25 फरवरी को यह खबर दिखाई थी उस समय सिंचाई विभाग के अधिकार डेम में पानी का प्रेषर कम होंने से नहर में पानी नही पहुँचने की बात बता रहे थे ।
अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि यदि प्रेशर कम होने के कारण नहर में पानी नही जा रहा था तो फिर कलेक्टर की सक्रियता के बाद यह प्रेशर कैसे बड़ गया क्या कोई इसे समझा पाएगा ?
हालांकि अब सिंचाई विभाग के एसडीओ अनमोल टोपो कह रहे कि बांध के दूसरे सभी नहरों के वाल्ब बंद कर उस नहर में पानी का प्रेशर बडाया गया है ।
हम आपको बता दे कि जिले के पचेटी डैम से प्रत्येक वर्ष अनुसार इस वर्ष भी कानड़ क्षेत्र में नहर चालू हुई और इसके लिए सिंचाई विभाग के अधिकारी द्वारा अलग-अलग क्षेत्र में पानी के दिन निर्धारित कर दिए है ।
पर एक माह से भी अधिक का समय बीत जाने के बाद भी ग्राम नेनियाखेड़ी एवं कानड के बीच निकली नहर में पानी नही पहुंचा और किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें दिखने लगी हालात यह हो गए कि किसानों की गेंहू की फसल सूखने के कगार पर पहुँच गई ।
वहीं क्षेत्र के किसान अधिकारियों के आश्वासन के बाद नहर के पास बैठे हुए रोज नहर से पानी आने का इंतजार करते थे पर इंतजार करते किसानों को रोज पानी की जगह निराशा ही मिल रही थी और जब इस बारे में गिरीश न्यूज़ ने सिंचाई विभाग के एसडीओ अमोल टोपो से चर्चा की थी तो उनका कहना था कि इस क्षेत्र में नहर तो खोली जा रही है पर बांध में पानी का प्रेशर कम होने से पानी आगे नही जा पा रहा है ।
वहीं किसान दबी जुबान बता रहे थे कि प्रभावशाली लोगो से मिलीभगत कर सिंचाई विभाग के कर्मचारी उन क्षेत्रों में नहर से पानी पहुँचा रहे है और हम चुकी छोटे और गरीब किसान है तो हमारी नहर में कुछ देर पानी छोड़ने के बाद उसे बंद कर दिया जाता है ।
हालांकि अब कलेक्टर की सक्रियता के बाद किसानों के चहरो की खुशी लौट आई है और उनकी गेंहू की फसल फिर से हरी-भरी होने लगी है –

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