ब्रेकिंग
पर्यावरण संरक्षण की याचिका में स्टे मिलने के बाद। याचिकाकर्ता के भाई की दुकान हटाई नगर पालिका ने। नग... पत्रकारों की सुरक्षा के लिए बने कानून, योजनाओं का भी मिले लाभ, मजदूर दिवस पर मध्यप्रदेश श्रमजीवी पत्... लघु उद्योग भारती आगर द्वारा मनाया गया 32 वाँ स्थापना दिवस। कलेक्टर की उपस्थिति में बालिका छात्रावास... पटवारी पर लगे भूमि स्वामीत्व सम्बन्धी फर्जी दस्तावेज जारी करने के आरोप, तहसील में उपलब्ध नहीं जारी द... थाने पर दर्ज हुआ गैंगरेप का प्रकरण। निकट के रिश्तेदारों पर ही लगा महिला के साथ बलात्कार करने का आरोप आगर कलेक्टर के नाम से ठगी का प्रयास। व्हाट्सएप की डीपी पर कलेक्टर का फोटो लगाकर की जा रही रूपयों की ... पश्चिम बंगाल में हिंदुओं की प्रताड़ना से आक्रोशित विश्व हिंदू परिषद बजरंग दल आगर मालवा प्रांत ने दिया... नेशनल हेराल्ड मामला। भारतीय जनता युवा मोर्चा ने किया सोनिया गांधी, राहुल गांधी का पुतला दहन आतंक मचा रहे लाल मुंह के बंदर को पकड़ने में तीन दिनों की मेहनत के बाद आखिरकार वन विभाग को मिली सफलता।... नरवाई जलाने वाले कृषकों की पीएम किसान सम्मान निधि एवं मुख्यमंत्री किसान कल्याण निधि होगी बंद। इन किस...

जिले में शिक्षा विभाग के मोनिर्ट्स के लिए खरीदे गए टेबलेट्स में हुआ भ्रष्टाचार । 10,000/- रु के टेबलेट्स को 15000/- रु में खरीदा गया । पूरे मामले को समझने के लिए गिरीश न्यूज़ की इस लिंक को टच करे-

आगर मालवा-
मध्यप्रदेश में विश्व बैंक के सहयोग से चलाई जा रहे स्टार प्रोजेक्ट के तहत शिक्षा विभाग के मॉनिटर्स के लिए लेपटापो की खरीदी जेम पोर्टल के माध्यम से की जा रही है ।
उसी क्रम में आगर मलवा जिले के शिक्षा विभाग के मॉनिटर्स संभागीय संयुक्त संचालक, शिक्षा अधिकारी, जिला परियोजना अधिकारी, जनशिक्षक, बीएसई, बीईओ, बीआरसी, एमआरसी के लिए खरीदे गए टेबलेट्स में अब भ्रष्टाचार होने की सूचना मिल रही है ।
शासन के निर्देशानुसार जिले स्तर पर कुल 95 टेबलेट्स जेम पोर्टल से खरीदे के लिए प्रति टेबलेट अधिकतम 15000/- की राशि तय की गई थी पर इस राशि मे कर्मचारियों के लिए acer कंपनी का 2 gb रेम और 32 gb मेमोरी का मॉडल Acer one 8 T4-82 L खरीदा गया है जिसकी खुले बाजार और ऑनलाइन मार्किट में कीमत 10000/- रु है ।
अब सवाल यह है कि जब खुले बाजार में एक टेबलेट इस कीमत में मिल रहा है तो फिर 95 टेबलेट निश्चित ही इससे कम राशि मे मिलने चाहिए ।
जिन कर्मचारियों को टेबलेट दिए गए है उन्होंने भी इसकी गुणवत्ता पर प्रश्रचिन्ह लगाते हुए नाम ना छापने की शर्त पर बताया कि आज के इस एडवांस युग मे 2 gb रेम के साथ काम करने में बड़ी कठिनाई आ रही है और यह बार-बार हैंग हो रहा है ।
हम आपको बता दे कि शासन स्तर से टेबलेट के लिए जो स्फेसिफिकेशन जारी किया गया था उसमें उल्लेखित मिनिमम स्पेसिफिकेशन के टेबलेट के लिए प्रति टेबलेट अधिकतम 15000/- रु. की राशि जिला स्तर से खर्च की गई है ।
गिरीश न्यूज़ ने acer कंपनी का 2 gb रेम और 32 gb मेमोरी का मॉडल Acer one 8 T4-82 L जो इन कर्मचारियों को दिया है की खुले बाजार और ऑनलाइन मार्किट में कीमत को चेक किया तो इसकी कीमत वहां 10000/-रु के आस-पास पाई गई है ।
शिक्षा विभाग के मॉनिटर्स द्वारा गिरीश न्यूज़ को यह भी बताया गया है कि यह टेबलेट देते समय उनसे इसकी कीमत 15000/- हजार मूल्य पर हस्ताक्षर कराए गए है ।
अब पूरे प्रकरण की वास्तविकता जांच के बाद ही सामने आ पाएगी और जांच के बाद ही इसका भी खुलासा हो सकता है कि शासन स्तर से जेम पोर्टल से खरीदी के निर्देश के बाद भी जो भ्रष्टाचार हमें प्रथमदृष्टया दिखाई दे रहा है उसकी जड़ जिला स्तर पर है या प्रदेश स्तर पर ।
हालांकि अब इस पूरे घटनाक्रम से शिक्षा विभाग के उन मॉनिटर्स में आक्रोश है जिन्हें इस हल्की क्वालिटी के टेबलेट देकर उन पर करने के लिए कई सारे काम जिम्मेदारों द्वारा सोप दिए गए है और जल्द ही यह नाराजगी आम आदमी के सामने भी खुले रूप में समाने आ सकती है ।
आपकी जानकारी के लिए हम शिक्षा विभाग के मॉनिटर्स को टेबलेट देने के लिए शासन स्तर से जारी टेबलेट्स के स्फेसिफिकेशन, मॉनिटर्स को दिए गए टेबलेट्स और इनकी ऑनलाइन कीमत के पिक्स यहाँ डाल रहे है-

Leave A Reply

Your email address will not be published.

Don`t copy text!