फिर उठी क्षेत्र में रेल सेवा के पुनः बहाली की मांग । कुछ जुनूनी समाजसेवकों ने दिया पीएम के नाम ज्ञापन
आगर मालवा-
आगर में रेल सेवा पुनः बहाल करने की मांग विगत 46 सालों से की जा रही है ।
विभिन्न सामाजिक संगठन समय-समय पर अपने-अपने स्तर से इसे उठाते आए है ।
विगत 46 सालों में हुए हर लोकसभा और विधानसभा चुनावो में भी यह मुद्दा उठता रहा है और भजापा तथा कांग्रेस दोनों पार्टियों के जनप्रतिनिधियों को यहां की जनता अवसर दे चुकी है पर चुनाव जितने वाले भी यहां की जनता को रेल लाने का आश्वासन देते रहे पर बीच-बीच मे कुछ लोकलुभावनी घोषणाओं के अलावा क्षेत्र की जनता को इस संम्बंध में कुछ हासिल नही हो पाया है ।
ऐसे ही कुछ जुनूनी समाजसेवको जिनमे वो भी शामिल रहे जिन्होंने आगर से निकलने वाली नैरोगेज से यात्रा की है ने आज फिर प्रधानमंत्री के नाम कलेक्टर कार्यालय पहुँचकर एक ज्ञापन दिया है ।
क्षेत्र के जागरूक नागरिक रेल प्रेमियों द्वारा दिनांक 19/04/2023 को सुबह 11 बजे विजय स्तम्भ पर एकत्रित होकर भारत माता को श्रद्धा सुमन अर्पित कर उज्जैन झालावाड़ रेलवे लाइन की मांग के समर्थन में हस्ताक्षर अभियान चलाया , वाहनों पर रेलवे लाइन की मांग के स्टिकर लगाये गये ,लाउड स्पीकर द्वारा चलीत जनजागरण किया गया एवं समस्त रेल प्रेमियों द्वारा वाहन रेली निकाल कर प्रधान मंत्री जी श्री नरेन्द्र जी मोदी को सम्बोधित ज्ञापन कलेक्टर कार्यालय में दिया गया ।
ज्ञापन में उल्लेख किया गया है कि-
सन् 1932 से1975 तक उज्जैन से आगर तक एक नेरोगेज रेलवे ट्रेक था । इसे आपातकाल में तात्कालिक भारत सरकार द्वारा यह कहते हुए, डिसमेंटल कर दिया गया था कि, इस ट्रेन को बड़ी लाईन में बदल कर उज्जैन से रामगंजमंडी व्हाया आगर किया जायेगा । लगभग 48 सालों से इस क्षेत्र की जनता इस रेलवे लाईन की स्वीकृति हेतु बाट जोह रही है ।
यह की आगर जिला एक पिछड़ा आरक्षित जिला है। यहाँ दो विधानसभा है और जिले को दो लोकसभा क्षैत्र में बांटा गया है, राजगढ़-आगर और देवास- शाजापुर-आगर । यह कि, उज्जैन से लेकर झालावाड़ तक, लगभग चार लोकसभा और आठ विधानसभा के क्षेत्र लगते है, तथा आगर जिले की सीमा में, एक भी रेलवे स्टेशन नहीं है… जिले की सीमा, उज्जैन, शाजापुर, राजगढ और राजस्थान के झालावाड़ जिले से लगती है। इस क्षेत्र में ना तो कोई बड़ा उद्योग है और ना ही रेलवे-लाईन है ! गरीबी और बेरोजगारी से जूझ रहे इस क्षेत्र को यदि आप रेलवे ट्रेक की स्वीकृति प्रदान कर देते हैं, तो संपूर्ण जिले के साथ ही, आसपास के जिलों के ग्रामीण क्षेत्रों को इसका लाभ मिलेगा और आगर जिले को उसका आपातकाल में खोया हुआ गौरव रेलवे-लाईन मिल जायेगी। इससे इस क्षैत्र का चहुंमुखी विकास होगा और विकास की गंगा बह जायेगी। वैसे तो विगत 48 वर्षों से विभिन्न प्लेटफार्मों के माध्यम से, जनप्रतिनिधियों और भारत सरकार को, निवेदन किया जाता रहा है, मगर अब तक नतीजा वही ढाक के तीन पात ही निकला है । 2014 में आपके प्रधानमंत्री बनने के बाद जनता में एक आशा की किरण जागी है, किन्तु जब नो साल में आज तक सर्वे की घोषणा के छलावे के अलावा कुछ नहीं मिला है। यहां तक की हर चुनाव में क्षेत्र के जनप्रतिनिधि रेलवे का नाम लेकर चुने जाते रहे हैं, मगर चुनाव समाप्त होते ही बात ठंडे बस्ते में चली जाती है । हो सकता है क्षैत्र के जनप्रतिनिधियों की खुद की कोई मजबूरी रही होगी जो जनमत की भावना आप तक ना पहुंच सकी ।
मतदाता ने जनसंघ के काल से ही अपवादों को छोड़ दें तो, भाजपा को ही इस क्षेत्र से विजयश्री से नवाजा है । अतः आप से विनम्र अनुरोध है कि जनता का मोह-भंग होने से पहले 2023-2024 के चुनावों के पूर्व, इस रेलवे लाईन को स्वीकृति प्रदान करने की कृपा करें, ताकि क्षैत्र की जनता को राहत मिल सके।
आपका यह अहसान क्षेत्र की जनता कभी नहीं भूल पायेगी।
बस यही अनुरोध है । इस दौरान उज्जैन झालावाड़ रेलवे लाइन जनजागरण मंच के वरिष्ठ महेन्द्र शर्मा,कमल शर्मा ,एवं कमल ,प्रशान्त भटनागर,आरिफ भाई वकिल,अजय सोनी,गिरीश नागर, अजय परिहार, शशिकान्त राठौर,आरिफ खान सहित रेल प्रेमियों की उपस्थिति रही-