आगर मालवा-
मध्य प्रदेश लघु वेतन कर्मचारी संघ, मध्य प्रदेश लिपिक वर्गीय संघ, मध्यप्रदेश तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ, मध्यप्रदेश शासकीय वाहन चालक संघ एवं मध्य प्रदेश पेंशनर एसोसिएशन के प्रांतीय आव्हान पर आज दिनांक 20 अप्रैल 2023 को मुख्य सचिव महोदय मध्यप्रदेश शासन मंत्रालय भोपाल के नाम से कलेक्टर के माध्यम से अपनी निम्नलिखित 17 सूत्रीय मांगो के संबन्ध में ज्ञापन दिया गया –
1. विभागाध्यक्ष एवं उसके अधीनस्थ कार्यालयों में कार्यरत लिपिकों को भी मंत्रालय के समान समयमान वेतनमान का लाभ दिनाँक 1.4.2006 से दिया जावे।
2. भृत्य का पदनाम परिवर्तित किया जाकर कार्यालय सहायक किया जावे।
3. अनुकम्पा नियुक्ति सहायक ग्रेड-3 को निर्धारित समयावधि से सी.पी.सी.टी. परीक्षा उत्तीण नहीं कर पाने के कारण सेवा समाप्त नहीं की जावे तथा जिन कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त की गई है उन्हें सेवा में लिया
जावे।
4. टैक्सी प्रथा बंद की जावे तथा विभागों में वाहन चालकों के रिक्त पदों पर भर्ती प्रक्रिया तत्काल प्रारंभ की जाकर समाप्त किये गये पदों को पुर्नजीवित किया जावे।
5. दिनाँक 1.1.2005 के पश्चात् नियुक्त कर्मचारियों के लिए नई पेंशन प्रणाली को बंद किया जाकर पुरानी पेंशन बहाल की जावे।
6. वर्ष 2016 से बंद तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों की पदोन्नतियाँ पात्रता दिनॉक से की जावे।
7. सहायक ग्रेड-3 एवं कम्प्यूटर आपरेटर की योग्यता एवं कार्य एक समान होने के कारण सहायक ग्रेड-3 को कम्प्यूटर आपरेटर के समान ग्रेड-पे 2400 दिया जावे।
8. सहायक शिक्षक / शिक्षकों को तृतीय क्रमोन्नत वेतनमान के स्थान पर समयमान वेतनमान व पदोन्नति पदनाम दिया जाय तथा शिक्षकों को केन्द्र के अनुरूप छठवे एवं सातवें केन्द्रीय वेतनमान का लाभ दिया जावे।
9. सीधी भर्ती के पदों पर दिये जा रहे स्टायफंड 70, 80 एवं 90 प्रतिशत के स्थान पर नियुक्ति दिनॉक से संबंधित पद का वेतनमान दिय जावे।
10. विभिन्न संवर्ग के अधिकारी एवं कर्मचारियों तथा लिपिक, कार्यपालिक एवं तकनीकी, कृषि विस्तार अधिकारी, कलाकार, महिला बाल विकास सुपरवाईजर, पोलिटेक्निक एवं उच्च शिक्षा के प्रयोगशाला तकनीशियन, वन रक्षक-वन पाल संवर्ग सहित अन्य विभागों के संवर्गों में व्याप्त की विसंगतियों को दूर की जावे।
11. राज्य पुर्नगठन की धारा 49 (6) का बंधन पेंशनरों के लिए समाप्त करते हुए प्रदेश के पेशनरों को भी देय तीथि से मंहगाई भत्ता प्रदान किया जावे साथ ही छटवें वेतनमान के 32 माह एवं सातवें वेतनमान के 27 माह के एरियर का केन्द्र के पेंशनर नियम 1976 में संशोधन कर अविवाहित, विधवा, तलाकशुदा एवं परित्यागता पुत्री को आजीवन परिवार पेंशन दिया जावे।
12. अर्हतादायी पूर्ण पेंशन की पात्रता 33 वर्ष के स्थान पर केन्द्र एवं अन्य राज्यों के समान 25 वर्ष की जावें।
12. हैण्डपंप तकनीशियन की वेतन विसंगति दूर कर पांचवें वेतनमान अनुसार 4000-6000 किया जाए, नियुक्ति दिनांक से प्रभावशील वेतनमान 1150-1800 मान्य किया जाकर पुर्ननियमन की कार्यवाही को समाप्त किया जाए तथा अवकाश नगदीकरण की सुविधा प्रदान की जाए।
14. कार्यभारित कर्मचारियों के सेवा निवृत्त के उपरांत नियमित कर्मचारियों के समान अवकाश नगदीकरण का लाभ प्रदान किया जावे।
15. तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के रिक्त पदों पर आउटसोर्स के माध्यम से की जा रही भर्ती पर पूर्णतः प्रतिबंध लगाते हुए 45000 स्थाई कर्मियों को शीघ्र सातवें वेतनमान का लाभ देते हुये नियमित कर्मचारियों के समान समस्त सुविधायें प्रदान की जाये। वर्ष 2007 के बाद नियुक्त दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को स्थाई कर्मी का दर्जा दिया जावे।
16. मंहगाई भत्ते के एरियर्स की राशि देय तिथियों से दिय जावे।
17. अंशकालीन कर्मचारी, आगनवाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका, आशा कार्यकर्ता, कोटवार कर्मचारियों को नियमित किया जावे।
इस दौरान संघ के जिला अध्यक्ष कालू सिंह यादव, दीपक गवली,नाथू सिंह पंवार, रामचंद्र चौहान जिला सचिव पवन बैरागी, कालू सिंह यादव, प्रभु लाल जादमे, श्रीमती दुर्गाबाई शर्मा, श्रीमती किरण गेहलोत, लघु वेतन कर्मचारी संघ एवं लिपिक वर्गीय कर्मचारी संघ की ओर से भूपेंद्र भटनागर, महेंद्र जैन, सुनील मेहर, लेखान्त तिवारी, राजेश जैन, दिलीप वासोडिया, बसंत भावसार, नीतिन जादमे, भावैश, योगेश जाजू, पवन जैन, राजेन्द़ चोहान, सावित्री चोहान एवं अन्य लिपिक साथी एवं तृतीय वर्गीय कर्मचारी संघ के जिला अध्यक्ष सुरेंद्र पुरोहित तथा अन्य कर्मचारी साथी उपस्थित थे ।
कर्मचारीयों की ओर से ज्ञापन का वाचन महेंद्र जैन, सचिव म.प्र.लिपिक कर्मचारी संघ द्वारा किया गया ।