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उच्च शिक्षा मंत्री द्वारा लोकार्पित विधि महाविद्यालय में छात्रों के साथ खिलवाड़ । अभी तक मान्यता ना मिलने से करीब 300 छात्रों का भविष्य अधर में । भ्रष्टाचार के भी लग रहे आरोप –

आगर मालवा-
उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव द्वारा लोकार्पित आगर के विधि महाविद्यालय में छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने का मामला सामने आया है ।
दरअसल उच्च शिक्षा मंत्री द्वारा लोकार्पण के बाद आगर का यह विधि महाविद्यालय शुरू तो हो गया पर जिसे आगर के लिए एक सौगात के रूप में पेश किया गया था उसकी वर्तमान स्थिति देख कर लगता है कि लोकार्पण के बाद शायद किसी भी जिम्मेदार ने इसकी जिम्मेदारी सही तरीके से नही उठाई है ।
अब सबसे बड़ा विषय यह है कि 2020 में शुरू हुए इस महाविद्यालय को अभी तक मान्यता नही मिली है ऐसे में यहां पढ़ाई कर रहे 300 से भी अधिक छात्रों के भविष्य पर संशय के बादल मंडरा रहे है क्योंकि ना तो विक्रम विश्यविद्यालय से यहां के छात्रों की डिग्री को मान्यता मिल रही है और इसके चलते बार कौंसिल ऑफ इंडिया इस डिग्री को मान्यता दे रहा है ।
ऐसे में अब इस मामले में राजनीतिक लोग भी सक्रिय होकर शासन की इस गंभीर लापरवाही को सामने लाने और पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए पीड़ित छात्रों के साथ खड़े हो गए है ।

एनएसयूआई के राष्ट्रीय सचिव व विधायक प्रतिनिधि अंकुश भटनागर ने शासकीय विधि कॉलेज के छात्रों के साथ महाविद्यालय में प्रेसवार्ता कर इन सब विषयो का खुलासा करते हुए जिम्मेदारों पर भ्रष्टाचार करने का आरोप भी लगाया है ।
अंकुश भटनागर ने बताया कि 1965 से संचालित विधि कॉलेज को बीजेपी सरकार ने 2013 में बंद कर दिया था जिसके बाद एनएसयूआई द्वारा निरंतर प्रदर्शन,आंदोलन करने के बाद 28 सितंबर 2020 को 8 वर्षों बाद उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव ने इसका लोकार्पण करते हुए पुराने कॉलेज भवन में लॉ कॉलेज आरंभ किया 2020 में 120 छात्रों को प्रवेश मध्यप्रदेश सरकार की ई-प्रवेश पोर्टल प्रोफाइल से विद्यार्थियों को प्रवेश दिया गया सत्र 2020-21 की मान्यता के लिए कुलसचिव ने प्राचार्य से बार कॉउन्सिल ऑफ इंडिया व विश्वविद्यालय से मान्यता के लिए दस्तावेज प्रस्तुत करने के लिए आदेश जारी किया,24/12/2021 को पुनः दूसरे वर्ष की मान्यता के लिए भी आदेश जारी किया गया परन्तु कॉलेज प्रशासन ने किसी भी तरह की कार्यवाही 2020-21,2021-22 में नही की और कॉलेज प्रशासन प्रत्येक छात्रों से 7 हजार के लगभग प्रवेश शुल्क व परीक्षा शुल्क मिलाकर प्रत्येक विद्यार्थी से 10 हजार रुपए तक फीस कॉलेज के बैंक खाते में जमा कराई । लगभग 30 लाख रुपए छात्रों से वसूली की गई । इसके बाद भी न तो छात्रों की कक्षा नियमित रूप से कॉलेज में लगती है, न छात्रों के बैठने के लिए प्रयाप्त मात्रा में फर्नीचर, न ही पीने के पानी की व्यवस्था, न ही शिक्षकों व स्टाफ की पूर्ति की गई । छात्रों से 3 वर्ष तक फीस पूरी ली गई और अब जाकर छात्रों को ये जवाब दिया जा रहा है कि शासन से कॉलेज की मान्यता नही होने के कारण विक्रम विश्विद्यालय से आपको डिग्री या बार काउंसिल ऑफ इंडिया से “सनद” नही मिल सकती । ऐसे में छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव ने किया है व 3 वर्ष पूर्ण होने पर छात्रों से फीस तो पूरी ली गई और परीक्षा भी दिलवाई गई परन्तु अब डिग्री नही दी जा रही है।।

बिना बजट के लोकार्पण किया उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव ने

अंकुश भटनागर ने बताया कि 28 सितंबर 2020 को उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव द्वारा आगर लॉ कॉलेज का लोकार्पण बिना बजट के किया गया व शासकीय विधि महाविद्यालय आगर मालवा शिक्षण सत्र वर्ष 2020-21 से प्रारंभ किया जा चुका है वर्ष 2020-21 में 120 छात्रों को एवं 2022-23 में 120 छात्रों को एल एल बी के प्रथम वर्ष में प्रवेश दिया गया वर्तमान में विधि महाविद्यालय में 335 छात्र अध्ययनरत है वर्ष 2020-21 में प्रवेश लेने वाले 120 छात्रों का एल एल बी त्रि वर्षीय पाठ्यक्रम वर्ष 2022-23 में पूर्ण होने वाला है जिन्हें एल एल बी की डिग्री विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन द्वारा एवं विधि व्यवसाय किये जाने हेतु सनद बार काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा जारी की जानी है किंतु मान्यता प्राप्त नही होने से डिग्री व सनद के लिए दर दर भटक रहे है । छात्र और एनएसयूआई द्वारा निरन्तर मांग करने व एनएसयूआई के राष्ट्रीय सचिव अंकुश भटनागर ने कॉलेज प्रशासन से संपूर्ण जानकारी मांगी उसके बाद आनन फ़ानन में 3 वर्ष बाद आगर के कलेक्टर महोदय कैलाश वानखेड़े जी ने 21 मार्च 2023 को प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा विभाग को पत्र लिख कर मांग की गई जबकि उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव ने ही इस कॉलेज का लोकार्पण किया फिर 3 वर्षों से कोई भी कार्यवाही कॉलेज प्रशासन द्वारा क्यों नही की गई व मंत्री जी द्वारा भी उनके ही विभाग से मान्यता क्यों नही दिलाई गई । मंत्री,जिला प्रशासन व कॉलेज प्रशासन का खामियाजा आज छात्रों को भुगतना पड़ रहा है।

बजट व छात्रों की फीस में किया घोटाला जांच कर करवाही होनी चाहिये

अंकुश भटनागर ने विभाग से बजट व छात्रों से ली गई फीस का छात्रों की सुविधा पर कितना खर्च किया गया उसका विवरण मांगा तो प्रशासन बातों को घुमाया गया शासकीय बजट सत्र 2020-21 में कुल 8,50,000 रुपये छात्रों की व्यवस्था के लिए शासन से प्राप्त हुए कॉलेज ने 65,293 रुपए उद्घाटन कार्यक्रम पर व्यय, 2,33,050 संबंधता शुल्क भुगतान, 3,51,400 बी सी आई शुल्क भुगतान, 58,288 फर्नीचर, 85766 कंप्यूटर प्रिंटर, 23,435 स्टेशनरी आदि, 7197 विधुत व्यय व 25, 571 अन्य आकस्मिक व्यय कॉलेज प्रशासन द्वारा बताया गया जबकि कॉलेज में छात्रों को बैठने के लिए न ही फर्नीचर है,न ही कंप्यूटर लेब जिसके नाम का 85 हजार का बिल निकाला गया, न क्लास में पंखे,लाइट की व्यवस्था है,न ही छात्रों के लिए पीने के पानी की व्यवस्था की गई और न ही लाइब्रेरी है जो पुरानी थी उसकी किताबो का पता नही और जो बिल निकाले गए उसका क्या किया ये छात्रों को पता नही और कॉलेज प्रशासन न उद्घाटन कार्यक्रम में बजट से 65 हजार का खर्च कर दिया जबकि उस समय कोरोना काल का दौर था भीड़ इकठा की नही जा सकती थी फिर किस बात का बिल लगाया गया कुल मिलकर शासन से छात्रों के सुविधा के लिए आए बजट में घोटाला कर झूठे बिल निकाले गए जिसकी जांच की जानी चाहिए और सम्बंधित अधिकारी पर कार्यवाही की जानी चाहिये बीजेपी सरकार व मंत्री मोहन यादव द्वारा पिछले 2 वर्षों से कोई बजट कॉलेज के लिए स्वीकृत नही किया गया जबकि शासकीय कॉलेज होने के बावजूद जो फीस के रुपए में छात्रों 25 लाख से भी अधिक फीस वसूली की गई उसका हिसाब देने से कॉलेज प्रशासन ने मना कर दिया गया और आज भी बच्चे सुविधा व व्यवस्था के लिए परेशान हो रहे है।।

सरकार ने प्रशासकीय स्वीकृति,पदों के सृजन आज तक नही किये

अंकुश भटनागर ने बताया कि मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान हर साल और अभी चुनाव पास देखते हुए हर मंच से ये घोषणा की जा रही है कि 1 लाख पदों पर भर्ती की जायेगी तो पिछले तीन वर्षों में एक भी पद नही भरे गए जिले में संचालित विधि महाविद्यालय की प्रशासकीय स्वीकृति नही होने एवं पदों का सृजन नही होने से शैक्षणिक कार्य भी प्रभावित हो रहा है उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव जी के विभाग से पदों व बजट की स्वीकृति होने है जो कि आज 3 वर्षों में नही हुई 13 कक्षो का संचालन किया जा रहा है जहाँ 2 प्राध्यापकों को 2 माह के लिए डिप्लॉय किया जाता है पदों की स्वीकृति नही होने से छात्रों की प्रतिदिन कक्षा भी संचालित नही की जा रही और न नही शैक्षणिक कार्य किया जा रहा है
सब चीजें भगवान भरोसे चल रही है।।

एनएसयूआई के राष्ट्रीय सचिव अंकुश भटनागर की चेतावनी

एनएसयूआई के राष्ट्रीय सचिव अंकुश भटनागर की चेतावनी है यदि छात्रों के भविष्य खराब हुआ तो उसके संपूर्ण जिम्मेदार मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान,उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव व कॉलेज प्रशासन रहेगा यदि 3 दिवस में शासन-प्रशासन मान्यता ने देते है तो आगर जिला कलेक्टर कार्यालय में छात्रों के साथ अनशन पर बैठेंगे व आगर में उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव जी व सरकार के हर मंत्री का आगर दौरे का पुरजोर विरोध करेंगे छात्रों के पेसो से जो घोटाला कॉलेज प्रशासन ने किया है उसकी भी जांच कर अधिकारी पर कार्यवाही नही की गई तो उग्र आंदोलन भी किया जायेगा प्रेसवार्ता में नगर अध्यक्ष इमरान अली,विधानसभा अध्यक्ष विष्णु गुर्जर,कॉलेज अध्यक्ष राहुल मेघवाल,ब्लॉक अध्यक्ष नेपाल सिंह,राजू मुल्तानी सहित छात्र उपस्थित थे-

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