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दामिनी एप्प से मिलेगी आकाशीय बिजली गिरने की पूर्व सूचना । जाने कैसे बचें आकाशीय बिजली से-

आगर-मालवा
मानसून में बिजली कड़कना या गिरना आम बात है, इससे बचने के लिए स्वयं की सावधानी बहुत जरूरी है। आपदा विभाग लोगों को जागरूक करने के लिए प्रत्येक वर्ष समय-समय पर अवगत कराता रहता है। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय (एमओइएस) भारत सरकार द्वारा एक मोबाईल एप्स “दामिनी लाईटनिंग अलर्ट“ (दामिनी बिजली चैतावनी) जारी किया गया है। यह सिस्टम मौसम के खराब होने के साथ ही आकाशीय बिजली के संबंध में 2 से 4 घंटे पहले ही अलर्ट देना शुरू कर देता है, जिससे आसानी से डेंजर जोन में आने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जा सकता है। इस सिस्टम का दूसरा भाग जीपीएस यानी ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम आंकड़ो को कम्प्यूटर पर भेज देता है, जिसकी मदद से मौसम और बिजली के गिरने और उसकी ताकत के बारे में पूरी जानकारी मिल जाती है।
कलेक्टर श्री कैलाश वानखेड़े ने जिले के अनुविभागीय अधिकारियों, सभी जनपद पंचायतों के मुख्य कार्यापालन अधिकारियों, तहसीलदारों, मुख्य नगर पालिका अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि जिला, तहसील, ब्लॉक, ग्राम पंचायत एवं ग्राम स्तर पर पदस्थ विभागीय अमले के मोबाईल फोन पर गूगल प्ले स्टोर से “दामिनी लाईटनिंग अलर्ट“ एप्प को अनिवार्यतः इन्स्टाल करवाएं तथा अपने-अपने कार्य क्षेत्र में लोगों को भी इस एप्लीकेशन का उपयोग करने के लिए जागरूक करें, जिससे की आकाशीय बिजली गिरने की पूर्व सूचना मिल सकें।

आकाशीय बिजली एवं वज्रपात से बचाव, सावधानियां एवं उपचार हेतु सलाह

बारिश के दिनो में आकाशीय बिजली गिरने या वज्रपात होने से लोगों की मृत्यु हो जाने की घटनायें हो जाती है। खासकर ऐसी घटनायें खेतों में काम करने वाले किसान एवं मजदूरों के साथ अधिक संख्या में होती है। थोड़ी सावधानी एवं जागरूकता से आकाशीय बिजली गिरने एवं वज्रपात की स्थिति में भी जीवन रक्षा की जा सकती है।
वर्षा के मौसम में तेज हवा, काले बादल या दूर आसमान मे गड़गड़ाहट की आवाज आकाशीय बिजली गिरने या वज्रपात होने का संकेत देता हैं। यदि आपको आकाश में गर्जना सुनाई दे रही हो, तो आप वज्रपात वाले स्थल से करीब हैं। यदि आपके गर्दन के पीछे के बाल खड़े हो गये हो, तो इसका अर्थ यह हैं कि बिजली गिरना तय हैं तथा यह आपके स्थल के आसपास हीं होगा, ऐसी स्थिति में व्यक्ति को दोनों पैरों को जोड़ कर तथा अपने सिर को झुकाकर, अपने शरीर को बहुत हीं कम स्थान में समेट कर बैठ जाना चाहिए, ताकि बिजली गिरने की स्थिति में व्यक्ति पर बहुत कम प्रभाव हों। ऐसी परिस्थिति में जमीन पर चित होकर नहीं लेटे ऐसा करने से व्यक्ति के बिजली के संपर्क में आने का बड़ा स्थल मिल जायेगा।
आकाशीय बिजली या वज्रपात से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण तथ्य बाहरी गतिविधियों खेतों, औद्योगिक स्थान, लोडिंग और अनलोडिंग जैसे निर्माण और सामग्री हैंडलिंग वाले स्थलों में काम करने वाले लोग सबसे अधिक प्रभावित होते हैं। एक ही जगह पर कई बार वज्रपात हो सकता हैं। विशेष रूप से ऊंचे नुकीले सरंचना वाले भवनों, स्थलों एवं पेड़ों पर आकाशीय बिजली, व्रजपात वर्ष के किसी भी समय गिर सकती हैं, परन्तु मानसून के पूर्व जून-जुलाई में आमतौर पर ऐसी घटनाएं सबसे अधिक होती हैं। रबर सोल के जूते अथवा टायर से बचाव नहीं हो सकता हैं। यह आवश्यक नहीं है कि बारिश के दौरान हीं वज्रपात की घटना हों।
बाहरी गतिविधियों में भाग लेने से पहले मौसम का पूर्वानुमान जरूर देखें। यदि आपको आकाश से गर्जन सुनाई दे रही हो, तो आप वज्रपात वाले स्थल से करीब हैं। दामिनी ;क्।डप्छप्द्ध मोबाईल एप्प से यह पता लगायें कि बिजली गिरने का स्थल आपसे कितने दूरी पर हैं। ऐसे समय में किसी भी धातु की वस्तु जैसे कुदाल, फावड़ा, एंटेना, कुल्हाड़ी आदि को लेकर न चलें, क्योंकि धातु एक अच्छा कंडक्टर हैं। जब आप एक कंडक्टर को कंधे के स्तर से ऊपर ले जा रहे होते हैं तो आपके सीधे हिट होने की संभावना अधिक होती हैं। जब आप बिजली से टकराते हैं तो आपके धातु के संपर्क में आने के कारण जलने की संभावना अधिक होती हैं। ऐसी स्थिति में एक सुरक्षित आश्रय खोजे। सुरक्षित आश्रयों में घर, कार्यालय, शॉपिंग सेंटर और हार्ड-टॉप वाहन शामिल हैं।
वज्रपात से पीड़ित व्यक्ति को प्राथमिक उपचार देने से उनकी जान बच सकती हैं। ऐसी स्थिति में पीड़ित और बचावकर्ता दोनो ही निरंतर बिजली के खतरे से सावधान रहें। यदि क्षेत्र उच्च जोखिम(जैसे पेड़ या खुला क्षेत्र) हैं, तो पीड़ित को सुरक्षित स्थान पर ले जाएं। पीड़ित व्यक्ति की हड्डियों टूटी हुई हो सकती हैं, जिससे व्यक्ति लकवा ग्रस्त हो सकता हैं अथवा उसे रक्तस्त्राव हो सकता हैं। अतः संभावित जोखिम को कम करने के लिए पीड़ित को अत्यंत सुरक्षित तरीके से स्थानांतरित करना होगा। आपात कालीन सेवा के लिए तुरंत 1098 या 1079 पर सूचित करें। अपने स्थान के बारे में दिशा-निर्देश तथा पीड़ित की स्थिति के बारे में जानकारी दें। ऐसी स्थिति में मोबाईल/सेलफोन का उपयोग करना सुरक्षित हैं।
वज्रपात से प्रभावित व्यक्ति के दिल की धड़कन की जांच करें। नाड़ी की जांच करने के लिए सबसे अच्छी जगह कैरोटिड धमनी हैं जो आपके जबड़े के नीचे सीधे आपकी गर्दन पर पाई जाती हैं। यदि पीड़ित सांस नहीं ले रहा हैं, दिल की धड़कन बंद हो गई हो, तो तुरंत मुंह से मुंह में सांस देने की प्रक्रिया करें। यदि पीड़ित को पल्स नहीं हैं, तो कार्डियकं प्रेशर भी शुरू करें और सहायता आने तक प्रयासों को जारी रखें। यदि क्षेत्र ठंडा और गीला हैं, तो पीड़ित और जमीन के बीच एक सुरक्षात्मक परत डालने से हाइपोथर्मिया (असामान्य रूप से कम तापमान) को कम करने में मदद मिल सकती हैं। यदि पीड़ित की नाड़ी चल रही हो तथा वह सांस ले रहा हो तो पीड़ित के अन्य जख्मों को देखें।

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