पशु चिकित्सा विभाग में हुए भुगतान में फर्जीवाड़ा ? आगर एवं शाजापुर जिले का मामला । मप्र के आयुक्त कोष एवं लेखा ने पकड़ा मामला-
आगर मालवा-
आगर मालवा एवं शाजापुर जिले के पशु चिकित्सा विभाग में हुए भुगतान में फर्जीवाडे की आशंका व्यक्त करते हुए मप्र आयुक्त कोष एवं लेखा ने संभागीय संयुक्त संचालक कोष एवं लेखा उज्जैन को एक पत्र लिख पूरे मामले की जांच कर जांच में दोषी कर्मचारी एवं अन्य पर सख्त कार्रवाही करने की बात कही है ।
आयुक्त कोष एवं लेखा मप्र ने अपने पत्र में जो लिखा है उसके कुछ प्रमुख अंश निम्नानुसार है-
IFMIS के उपलब्ध कोषालयीन रिकार्ड में आगर मालवा कोषालय से संबंधित आहरण एवं संवितरण अधिकारी DY DIRECTOR VATERNIARY SERVICES AGAR MALWA (5103502001) में हुए भुगतानों के परीक्षण के दौरान संदिग्ध भुगतानों में श्री महेश मालवीय, सहायक वर्ग 3 एवं उनकी पत्नी श्रीमती प्रियंका मालवीय के खाता क्रमांक दर्शित हुए। महेश मालवीय के Log-in में Additional Charge में दो अन्य DDO का चार्ज भी दर्शित हुआ। इस कारण से समस्त 3 DDOs में हुए भुगतानों का एक साथ विश्लेषण किया गया। इनमें एक खाता क्रमांक में एक से अधिक भिन्न नाम के कर्मचारियों/वेंडरों/लाभार्थियों के नाम दर्शित हुए है, जिससे इन खातों में हुए
भुगतान Suspicious/ Fraudulent श्रेणी में आते हैं। कुल 265 ऐसे खाते परिलक्षित हुए जिनमें 1 से अधिक भिन्न भुगतान प्राप्तकर्ताओं के नाम दर्शित हुए हैं।
महेश मालवीय के बैंक खाते में उक्त तीन DDOs से वेतन के अतिरिक्त रु.
2,79,000/- गत 5 वित्त वर्षों में से इस वित्त वर्ष तक मुख्यत: FVC देयकों से तथा MPTC66, Grant ए बिलों से प्राप्त हुई है। उक्त भुगतानों की जांच की जाकर परिणामों को जांच प्रतिवेदन में अंकित किया जावे।
ऐसे कर्मचारियों के वेतन एवं भविष्य निधि के आहरण को अनुमत्य करने के उपरांत, जिनकी राशि अन्य खातों में ट्रांसफर की, उनको Form 16 जारी हुए हैं अथवा नहीं, इसके संबंध में जांच प्रतिवेदन में उल्लेख किया जावे कि ऐसे भुगतानों की राशि को उक्त फार्म में दर्शाया गया है अथवा नहीं ।
साथ ही वेतन एवं एरियर के भुगतानों की राशि को वास्तविक कर्मचारी के खाते के स्थान पर अन्य में ट्रांसफर करने के लिये खाता क्रमांक परिवर्तन की रिक्वेस्ट के क्रियेटर आदि के विवरण को समाहित करती शीट भी संलग्न है।
जाँच प्रतिवेदन में इस DDO में Suspicious / Fraudulent Payment की अवधि में पदस्थ एवं सिर क्रियेटर, वैरीफायर एवं एप्रूवर के रूप में कार्यरत अधिकारियों एवं कर्मचारियों के नाम अंकित किया जाना सुनिशित करें।
संदिग्ध / अधिक / दोहरे / अनियमित भुगतान एवं गबन के प्रकाश में आने पर आगामी कार्यवाही किया जाना सुनिश्चित करें।
यदि देयकों को Fraudulent Payments को अनुमोदित करने में आहरण एवं संवितरण अधिकारियों डिजिटल सिग्नेचर का प्रयोग किया है, तो ऐसे देयकों के क्रियेटर / वैरीफायर / एप्रूवर की सूची संलग्न की जाकर उनके विरुद्ध IT Act, 2000 की धारा 74 के अधीन आरोप विरचित किये जाने की कार्यवाही की जावे।
उक्त कार्यालय के वर्तमान वित्त वर्ष एवं विगत 5 वर्षों 2018-19 से 2022-23 तक के समस्त भुगतान कि जांच कर प्रतिवेदन 10 दिवस में इस कार्यालय को प्रेषित करें। यदि इस अवधि के पूर्व की अवधि Suspicious / Fraudulent payment परिलक्षित होते हैं, तो उसकी भी जांच की जावे।
जांच में Suspicious / Fraudulent payment प्रमाणित होते हैं, तो संपूर्ण प्रकरण से संबंधित कलेक्टर के संज्ञान में लाते हुए संबंधित अधिकारियों/कर्मचारिय FIR/अनुशासनात्मक/विधिक कार्यवाही किये जाने हेतु आवश्यक कार्यवाही करें। आयुक्त कोष एवं लेखा मप्र ने अपने इस पत्र की प्रतिलिपी कलेक्टर शाजापुर एवं आगर मालवा को भी भेजी है ।