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बहुचर्चित गोलीकांड। अभी तक पुलिस द्वारा प्रकरण दर्ज न करने पर फरियादी नें ली कोर्ट की शरण। एंबुलेंस से पहुंचां कोर्ट

आगर मालवा :- दिनांक 17/ 11/2023 को आगर मे हुए एक गोलीकांड में अभी तक पुलिस द्वारा प्रकरण दर्ज न करने से नाराज फरियादी शक्ति उर्फ गुरु पिता रमेश चंद्र बिलोनिया ने अब कोर्ट की शरण ली है।
फरियादी एंबुलेंस में सवार होकर कोर्ट पहुंचा और उसने अपने अधिवक्ता देवेंद्र सिंह चौहान के माध्यम से जेएमएफसी कोर्ट आगर में धारा 153(3) जफ्ता फौजदारी के तहत एक आवेदन पत्र देते हुए निवेदन किया है कि परिवादी एवं अभियुक्तगण के मध्य जमीन की रंजीश को लेकर पुराना विवाद है अभियुक्त मोहकमसिंह की मारपीट को लेकर परिवादी व अन्य व्यक्तियों के विरूद्ध प्रकरण लंबित है। जिसमे आरोपी विजय माली जेल मे है। परिवादी विजय माली की ढोटी स्थित कृषि भूमि की देख भाल कर रहा है।
यह कि दिनांक 17.11.2023 को दोपहर लगभग 3 से 3:30 बजे के बीच परिवादी विजय माली के खेत पर गया था वापसी मे भैरू जी के मंदिर पर दर्शन करने रूका तब वहां 3 मोटर सायकिल से आरोपीगण मोहकमसिंह, गोर्वधनसिंह, नारायणसिंह व प्रेमसिंह तथा इनके साथ दो अज्ञात व्यक्ति जिन्हे परिवादी सामने आने पर पहचान सकता है लाठी तलवार आदि से लेस होकर आये जिन्हें देख कर परिवादी अपनी मोटर सायकल छोडकर भागा तो अभियुक्तगणो ने फायरिंग चालु कर दी जिससे परिवादी की मोटर सायकल मे छर्रे लगे तथा भागते हुए परिवादी को पैर में गोली लगी जिससे वह गिर गया अभियुक्तो द्वारा लगभग 6 फायर किये गये। परिवादी को मृत समझ कर आरोपीगण भाग गये घटना जितेन्द्र माली पिता विष्णुप्रसाद ने देखी है।
जितेन्द्र ने ही परिवादी को उठाया और आगर के एक निजी चिकित्सालय में लेकर आया जहां परिवादी उपचाररत है वहाँ फरियादि का ऑपरेशन कर गोली निकाली गई है।
यह कि घटना की सूचना पुलिस को मिल चुकी है परिवादी तथा साक्षी जितेन्द्र द्वारा ज्ञात आरोपीगण द्वारा घटना कारित करना बता दिया गया है फिर भी पुलिस द्वारा अपराध पंजीबद्ध नही किया गया है। पुलिस द्वारा परिवादी की मोटर सायकिल तथा खाली कारतूस भी मौके से जप्त किये गये है अपराध दर्ज नही करने पर परिवादी द्वारा दिनांक 19.11.2023 को पुलिस के उच्चाधिकारीयो को आवेदन भी दिया गया था जिस पर भी कोई कार्यवाही नही हुई है।
यह कि अभियुक्तगणो द्वारा गोलिया चलाई जाकर जान से मारने का प्रयाय किया गया है। अभियुक्तगणो का उक्त कृत्य धारा 147, 148, 149/307 भादवि तथा धारा 25, 27 आयुध अधिनियम के अन्तर्गत बाखुबी आता है।
यह कि उक्त घटना के संबंध मे ज्ञात व अज्ञात अभियुक्तगण के विरूद्ध प्रथम सूचना दर्ज कर अनुसंधान किया जाना न्यायहित मे आवश्यक है ।
अतः श्रीमान से निवेदन है कि पुलिस आगर को उक्त घटना के संबंध में अपराध पंजीबद्ध कर अनुसंधान किये जाने हेतु आदेशित किये जाने की कृपा करे।
फरियादी के अधिवक्ता देवेंद्र सिंह चौहान का कहना है कि फरियादी द्वारा प्रकरण दरजी कराया जाना उसका अधिकार है पुलिस को शिकायत प्राप्त होने पर प्रकरण दर्ज करना चाहिए परंतु पुलिस ने ऐसा नहीं किया है इस कारण उनके द्वारा कोर्ट में आवेदन लगाकर फरियादी की शिकायत पर प्रकरण दर्ज करवाने हेतु निवेदन किया गया है।
वहीं आगर थाना प्रभारी गगन बादल ने बताया कि शिकायत पर जांच की जा रही है जांच उपरांत प्रकरण दर्ज किया जाएगा।

 गिरीश न्यूज़ ने भी जब विधि विशेषज्ञों से चर्चा की तो उनका कहना था कि पुलिस को हर हाल में एफआईआर दर्ज कर फरियादी का मेडिकल कराना चाहिए था और उसके बाद प्रकरण में जांच करना था यदि जांच में शिकायत झूठी पाई जाती तो एफआईआर का खात्मा कर पुलिस झूठी शिकायत करने वाले पर कार्रवाई कर सकती हे वहीं यदि शिकायत के समर्थन में साक्ष्य पाए जाते हैं तो फिर उसमें पुलिस द्वारा कोर्ट में चालान पुट अप किया जाता है-

 

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