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समय का फेर और इस फेर में उलझें उत्साही अधिकारीगण, प्रदेश के पूर्व मंत्री पारस जैन के साथ ही अन्य 7 अधिकारियों पर लोकायुक्त उज्जैन ने दर्ज किया भ्रष्टाचार अधिनियम एवं भारतीय दंड संहिता के तहत प्रकरण दर्ज। पद का दुरुपयोग कर शासन को 153 लाख से अधिक क्षति पहुंचाने का मामला-

कहते हैं समय का फेर बहुत मजबूत होता है इसलिए कोई भी कार्य उसके भविष्य में हो सकने वाले अंजाम को समझकर करना चाहिए पर कई बार अति उत्साह में व्यक्ति सारी सीमाओं को लाघ जाता है और उसे फिर कुछ इस तरह की परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है जो उसके लिए काफी अप्रिय होती है। ऐसा ही एक मामला सामने आया है उज्जैन में जहां प्रदेश के पूर्व मंत्री पारस जैन के साथ ही साथ अन्य अधिकारियों पर लोकायुक्त उज्जैन ने भ्रष्टाचार अधिनियम एवं भारतीय दंड संहिता की धाराओं में प्रकरण दर्ज किया है पूरा प्रकरण कुछ इस प्रकार है।

शिकायतकर्ता दिनेश चौहान निवासी – देवास द्वारा माननीय लोकायुक्त महोदय, भोपाल को शिकायत की गई कि उज्जैन उत्तर विधानसभा के पूर्व विधायक पारस जैन द्वारा लगभग 2 वर्ष पूर्व पांड्याखेड़ी गांव में स्थित सिलिंग की जमीन को पद का दुरूपयोग कर लगभग 15 बीघा जमीन अपनी पत्नि श्रीमतीअं गूरबाला जैन के नाम से कॉटन मर्चेंट शैक्षणिक एवं पारमार्थिक न्यास के नाम से लगभग 80 लाख रूपये में क्रय की है। इसके साथ ही करीबन 2 बीघा नाले लगी हुई शासकीय भूमि पर भी अवैध कब्जा कर लिया है एवं उक्त भूमि पर अनावेदक पारस जैन विधायक ने पद का दुरुपयोग कर शासकीय विधायक निधि से लगभग 81 लाख रूपये में नाले की तरफ से लेकर अपनी पूरी कृषि भूमि के चारो और बाउण्ड्री वाल बनवा ली है। इस प्रकार अनावेदक द्वारा शासकीय विधायक निधि की राशि लगभग 81 लाख रूपये अपने निजी कार्य में उपयोग शासन को आर्थिक क्षति पहुंचाने के संबंध में शिकायत की । उक्त शिकायत का सत्यापन इस इकाई में पदस्थ डॉ० बसंत श्रीवास्तव, निरीक्षक द्वारा किया गया।

तत्कालीन विधायक पारसचन्द्र जैन द्वारा विधायक निधि वर्ष 2020-2021 से 89.18 लाख रूपये स्वीकृत की गई थी, पुल की सुरक्षा दीवाल की कुल लंबाई 230 मीटर है, जिसमें से 0-75 मीटर सुरक्षा दीवाल का निर्माण हो चुका है, आगे शेष 80 मीटर दीवाल के निर्माण कार्य हेतु वर्ष 2021 2022 से 99.90 लाख रूपये स्वीकृत कर निर्माण एजेन्सी लोक निर्माण विभाग उज्जैन को बनाये जाने हेतु अनुशंसा कलेक्टर, जिला उज्जैन को की गई थी। प्रशासकीय स्वीकृति उपरांत जिला योजना अधिकारी, संभागीय योजना एवं सांख्यिकी उज्जैन संभाग उज्जैन द्वारा कलेक्टर के माध्यम से दिनांक 31.03.2022 को  कार्यपालन यंत्री, लोक निर्माण विभाग ( भ / प ) उज्जैन को निर्माण एजेन्सी बनाया था। तत्कालीन विधायक पारसचन्द्र जैन द्वारा विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र विकास योजना वर्ष 2023 2024 में प्राप्त आवंटन में से उज्जैन शहर के वार्ड क्रमांक 4 पिंग्लेश्वर मार्ग पर स्थित पिल्याखाल नाले पर पुल की  सुरक्षा स्थाई पक्की दीवार चैनेज 174.20 से 204.70 मीटर कुल लम्बाई 30.50 मीटर का निर्माण कार्य लागत राशि 44.76 लाख रूपये स्वीकृत कर निर्माण एजेन्सी लोक निर्माण विभाग को बनाये जाने हेतु अनुशंसा कलेक्टर, जिला उज्जैन को की गई थी। उक्त अनुशंसा अनुसार कार्यालय कलेक्टर (योजना एवं सांख्यिकी) सम्राट विक्रमादित्य प्रशासनिक संकुल भवन, उज्जैन के आदेश द्वारा प्रशासकीय आदेश जारी कर लोक निर्माण विभाग को निर्माण एजेन्सी बनाया गया था, वर्तमान में निर्माण प्रारंभ नहीं हुआ है। जांच के दौरान लोक निर्माण विभाग से प्राप्त दस्तावेजों में ऐसा कोई पत्राचार के दस्तावेज नहीं है, जिससे कि यह परिलक्षित हो कि लोक निर्माण विभाग ने हल्का पटवारी या तहसीलदार से नाले की भूमि संबंधित दस्तावेजों की मांग की हो या आहूत किये हो, लोक निर्माण विभाग द्वारा ऑनलाईन खसरे की नकल को निकालकर दस्तावेजों में सम्मिलित किया गया है, नाले की भूमि के संबंध में सत्यापन लोक निर्माण विभाग द्वारा नहीं किया गया है।तत्कालीन विधायक पारस जैन द्वारा अपने पद का दुरूपयोग कर शासकीय विधायक निधि की राशि को अपने निजी हित में उपयोग कर लगभग 153.72 लाख रूपये का कार्य निजी हित में किया जाकर शासन को आर्थिक क्षति पहुंचायी जा चुकी हैं एवं 44.76 लाख रूपये की प्रशासकीय स्वीकृति योजना एवं सांख्यिकी विभाग द्वारा जारी की जा चुकी हैं, उक्त प्रशासकीय स्वीकृति वर्तमान कार्यपालन यंत्री, लोक निर्माण विभाग के तकनीकी स्वीकृति पर जारी हुई हैं, जिसका कार्य अभी किया जाना शेष है। इस प्रकार 153.72 लाख रूपये की आर्थिक क्षति शासन को पहुंचाना जाना प्रथम दृष्ट्या प्रमाणित पाया गया है एवं 44.76 लाख रूपये का कार्य किया जाना शेष है। जाचं के दौरान उक्त नाले की सुरक्षा दीवाल निर्माण से किसी भी प्रकार की सार्वजनिक हित परिलक्षित नहीं हुआ है, ना ही नगर निगम से पूर्व स्वीकृत सुरक्षा दीवाल की अनापत्ति प्राप्त की गई है एवं उक्त सुरक्षा दीवाल के निर्माण कार्य को जनहित में कराने हेतु नाले के आस-पास रहवायियों का कोई अनुमोदन भी नहीं है। उक्त नाले के प्रवाह के विपरीत दिशा में सुरक्षा दीवाल एवं तटबंध से कहीं अधिक ऊंचाई तक सुरक्षा वॉल (बॉउण्ड्री वॉल) का निर्माण कराया जाकर तत्कालीन विधायक पारसचन्द्र जैन निजी पारिवारिक भूमि के हितों को साधने में छल व षड़यन्त्रपूर्वक कार्य किया गया है तथा निर्माण एजेन्सी लोक निर्माण विभाग एवं संभागीय योजना एवं सांख्यिकी कार्यालय उज्जैन के अधिकारीगणों की भूमिका भी परिलक्षित हुई है।

जांच के दौरान पाया कि लोक निर्माण विभाग के अधिकारीगण द्वारा तत्कालीन विधायक पारस चन्द्र जैन की निजी कृषि भूमि उनकी पत्नी अंगुरबाला एवं उनके भाई विमल कुमार जैन की पत्नी श्रीमती संगीता जैन के नाम से शासकीय राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज है, जो कि खसरा नंबर 9 में स्थित है, पर उक्त नाले की सुरक्षा दीवाल बनाया जाना पाया गया है एवं उक्त भूमि से लगी हुई निर्मित नाले की भूमि खसरा नंबर 10 में होकर शासकीय भूमि है एवं उक्त नाले से लगी हुई कृषि भूमि खसरा नंबर 9 पर नाले की सुरक्षा दीवार नाले के तटबंध की ऊंचाई से भी कहीं 10 फिट अधिक और कहीं पर 6 फिट के लगभग अधिक बॉउण्ड्री वॉल / सुरक्षा दीवार का निर्माण किया गया है, जबकि निर्माण एजेन्सी लोक निर्माण विभाग से प्राप्त दस्तावेजों एवं योजना एवं सांख्यिकी विभाग से प्राप्त दस्तावेजों में नाले की शासकीय भूमि खसरा नंबर 1 पर सुरक्षा दीवार बनाया जाना उल्लेखित किया है।

जांच के दौरान तत्कालीन विधायक पारस चंद्र जैन, उज्जैन उत्तर मध्यप्रदेश विधानसभा, राजेन्द्र कुमार जैन तत्कालीन अधीक्षण यंत्री लोक निर्माण विभाग उज्जैन मण्डल उज्जैन, जी.पी. पटेल तत्कालीन कार्यपालन यंत्री, लोक निर्माण विभाग उज्जैन मण्डल उज्जैन, गौतम अहिरवार, कार्यपालन यंत्री, लोक निर्माण विभाग उज्जैन, संदीप बेनीवाल, अनुविभागीय अधिकारी, लोक निर्माण विभाग संभाग उज्जैन, श्री शरद त्रिपाठी, उपयंत्री, लोक निर्माण विभाग उज्जैन एवं डॉ. राजश्री सांकले, जिला सांख्यिकी अधिकारी, योजना एवं सांख्यिकी कार्यालय उज्जैन एवं अन्य के द्वारा पद का दुरूपयोग कर आपसी षड़यन्त्र कर छलपूर्वक शासकीय विधायक निधि की राशि को उज्जैन शहर के पिंग्लेश्वर मार्ग पर स्थित पिल्याखाल नाले पर सुरक्षा दीवाल के नाम पर तत्कालीनं विधायक श्री पारस चन्द्र जैन की निजी जमीन की सुरक्षा के लिये बाउण्ड्री वॉल के निर्माण कार्य में उपयोग कर शासन को लगभग 153.72 लाख रूपये का कार्य निजी हित में किया जाकर शासन को आर्थिक क्षति पहुंचायी जा चुकी हैं एवं शेष निर्माण कार्य हेतु 44.76 लाख रूपये की प्रशासकीय स्वीकृति योजना एवं सांख्यिकी विभाग द्वारा जारी की जा चुकी हैं, उक्त प्रशासकीय स्वीकृति वर्तमान कार्यपालन यंत्री, लोक निर्माण विभाग के तकनीकी स्वीकृति पर जारी हुई हैं, जिसका कार्य अभी किया जाना शेष है।

 प्रकरण हुआ दर्ज-

इस प्रकार 153.72 लाख रूपये की आर्थिक क्षति शासन को पहुंचाने संबंधी प्रतिवेदन पर मुख्यालय के आदेशानुसार 153.72 लाख रूपये की आर्थिक क्षति शासन को पहुंचाया जाना प्रथम दृष्ट्या प्रमाणित पाये जाने पर 1- तत्कालीन विधायक पारस चंद्र जैन, उज्जैन उत्तर मध्यप्रदेश विधानसभा, जिला उज्जैन, 2 – राजेन्द्र कुमार जैन तत्कालीन अधीक्षण यंत्री लोक निर्माण विभाग उज्जैन मण्डल उज्जैन, जिला उज्जैन 3 – जी.पी. पटेल तत्कालीन कार्यपालन यंत्री, लोक निर्माण विभाग उज्जैन मण्डल उज्जैन, जिला उज्जैन, 4- श्रीमती सीमा सागर, अनुविभागीय अधिकारी, लोक निर्माण विभाग उज्जैन, जिला उज्जैन, 5 – संदीप बेनीवाल, अनुविभागीय अधिकारी, लोक निर्माण विभाग संभाग उज्जैन, जिला उज्जैन, 6 – शरद त्रिपाठी, उपयंत्री, लोक निर्माण विभाग उज्जैन, जिला उज्जैन, 7 – गौतम अहिरवार, कार्यपालन यंत्री, लोक निर्माण विभाग उज्जैन। 8- डॉ. राजश्री सांकले, जिला सांख्यिकी अधिकारी योजना एवं सांख्यिकी कार्यालय उज्जैन, जिला उज्जैन एवं अन्य के विरूद्ध धारा- 7, 13 (1) ए, 13 (2) भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 (संशोधन 2018 ) एवं 420, 120बी भारतीय दण्ड विधान के अंतर्गत पंजीबद्ध किया गया जिसकी विवेचना डॉ० बसंत श्रीवास्तव निरीक्षक द्वारा की जा रही है।

 यह भी-

शिकायतकर्ता द्वारा शिकायत में उल्लेखित 2 बीघा नाले से लगी हुई शासकीय जमीन पर कब्जे की जांच विवेचना मे की जावेगी।

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