ब्रेकिंग
वक्फ संशोधन एक्ट को वापस लेने की मांग के साथ मुस्लिम समाज ने तहसीलदार को ज्ञापन सोंपा शाही जामा मस्ज... संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों ने कलेक्टर एवं सीएमएचओ के नाम दिया ज्ञापन। कार्य स्थल पर काली पट्टी बां... अब शाला समय पर शाला बंद मिलने पर होगी शिक्षक और संस्था प्रभारी पर कार्रवाई। जारी हुआ आदेश विकासखंड स्तर पर होगा पुस्तक मेले का आयोजन। उचित मूल्य में सामग्री की आस में पिछले वर्ष मेले में गए ... माधव गौशाला एवं अपना घर वृद्ध आश्रम में सेवा के साथ भाजपा पिछड़ा वर्ग मोर्चा ने मनाया मुख्यमंत्री डॉ... मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने अपने जन्म दिवस पर गो-अभ्यारण सालरिया में लगाया आँवले का पौधा। 58 करोड़ 9... भाजपा महिला पदाधिकारी नें कराया भाजपा पार्षद के खिलाफ प्रकरण दर्ज। महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने के... मंदिर प्रांगण में पिछले तीन दिनों से हो रहा पथराव। हिंदूवादी संगठन स्थानीय लोगों के साथ थाने पर पहुं... आगर मालवा जिले में सामने आया लव जिहाद का मामला। पहले से दो शादी कर चुके मुस्लिम युवक ने महिला को हिं... कुंडालिया बांध के पुनर्वास पैकेज में फर्जीवाड़े का मामला। अभी इन अधिकारियों एवं कर्मचारियों पर भी लटक...

आगर पुलिस द्वारा बिना जांच के पत्रकार पर प्रकरण दर्ज होने से पत्रकारों में रोष। स्वास्थ्य विभाग का फर्जीवाड़ा उजागर करना पड़ा पत्रकार को महंगा

आगर मालवा –
स्वास्थ्य विभाग का फर्जीवाड़ा उजागर करना एक पत्रकार को भारी पड़ गया है। पत्रकार के विरूद्ध कोतवाली थाने पर स्वास्थ्य विभाग के एक कर्मचारी की रिपोर्ट पर बगैर किसी जांच पड़ताल के आनन-फानन में प्रकरण दर्ज कर लिया गया। जबकि संबंधित पत्रकार पहले ही पुलिस को इस संबंध में लिखित शिकायत कर चुका था पर उस शिकायत को नजर अंदाज करते हुए उल्टा पत्रकार पर ही प्रकरण दर्ज कर दिया गया हैं।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय में पदस्थ सहायक ग्रेड-3 मनोज कुमार शर्मा द्वारा बनाए गए दिव्यांग प्रमाण पत्र को लेकर पत्रकार धीरप हाड़ा द्वारा शिकायत कर शासन-प्रशासन के संज्ञान में मामला लाया गया तब जवाबदारों ने आनन-फानन में कार्रवाई करते हुए 50 प्रतिशत दिव्यांगता का जारी किए गए प्रमाण पत्र को त्रुटिपूर्वक जारी होना बताया। वहीं संबंधित कर्मचारी की अन्य अनियमितताओं को लेकर भी शिकायत की गई। इस शिकायत के बाद हाड़ा लगातार स्वास्थ्य विभाग के संबंधित कर्मचारी की निगाह में खटकने लगा और तरह-तरह से हाड़ा को धमकियां मिलने लगी। लगातार धमकियां मिलने पर 22 मार्च को कोतवाली थाना प्रभारी के समक्ष हाड़ा द्वारा आवेदन पत्र प्रस्तुत कर बताया गया कि स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी मनोज शर्मा द्वारा उसे धमकाया जा रहा है और जान से मारने की धोंस दी जा रही है। पुलिस ने धीरप हाड़ा के इस आवेदन को नजरअंदाज कर दिया। स्थिति यह बनी कि 27 मार्च की शाम को संबंधित कर्मचारी द्वारा धीरप हाड़ा व उसके अन्य साथियो के साथ हाथापाई की गई और हाथापाई के बाद स्वयं के बचाव के लिए कोतवाली थाने पर हाड़ा के विरूद्ध शिकायत दर्ज करवा दी। पुलिस ने मनोज कुमार शर्मा पिता रविंद्रनाथ शर्मा 41 वर्ष निवासी शक्तिनगर कालोनी की रिपोर्ट पर बगैर कुछ जांच पड़ताल किए तथा हाड़ा द्वारा 22 मार्च को दिए गए आवेदन पत्र को नजरअंदाज करते हुए हाड़ा के विरूद्ध धारा 341 व 384 के तहत् प्रकरण दर्ज कर लिया। वहीं धीरप हाड़ा द्वारा जब 28 मार्च को वापस कोतवाली थाने पर न्याय प्राप्ति के लिए आवेदन प्रस्तुत किया गया तो उस आवेदन पर फोरी कार्रवाई करते हुए पुलिस ने उसे जांच में डाल दिया।

पत्रकार धीरप हाड़ा द्वारा 27 अक्टूबर 2023 को मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के समक्ष शिकायत प्रस्तुत कर बताया था कि सहायक ग्रेड-3 मनोज शर्मा द्वारा जो दिव्यांग प्रमाण पत्र बनवाया गया है वह गलत तरीके से बनवाया गया है। हाड़ा की शिकायत पर सीएमएचओ द्वारा गठित जांच दल नें जब जांच की तो सामने आया कि 5 प्रतिशत दिव्यांगता पाई गई जबकि त्रुटिवश 50 प्रतिशत का प्रमाण पत्र जारी हो गया। सभी लोगो के कथन लेने के बाद स्वास्थ्य विभाग के जांच दल ने शिकायत का निपटारा कर दिया।
बड़ा सवाल, मेडिकल बोर्ड कैसे कर सकता त्रुटी?
दिव्यांगता प्रमाण पत्र एक ऐसा प्रमाण पत्र होता है जिसके आधार पर कई तरह की योजनाओं का लाभ मिल सकता है। शिकायतकर्ता द्वारा की गई शिकायत के बाद स्वास्थ्य विभाग के जांच दल ने शिकायत का निपटारा तो कर दिया लेकिन प्रमाण पत्र जारी किए जाने के पीछे महज एक मानवीय त्रुटी दर्शा दी। किसी भी तरह का स्वास्थ्य संबंधित प्रमाण पत्र मेडिकल बोर्ड द्वारा तैयार किया जाता है यदि संबंधित का प्रमाण पत्र गलत जारी हो गया था तो शिकायत के पूर्व संबंधित द्वारा प्रमाण पत्र को वापस मेडिकल बोर्ड के समक्ष सुधार हेतु क्यों नही रखा गया? इस तरह के कई सवाल जांच दल द्वारा अपने जांच प्रतिवेदन में दर्शित ही नही किए गए। सीधे-सीधे शिकायत पर जांच का निपटारा कर दिया गया। जबकि प्रमाण पत्र जारी किए जाने के मामले में नियमानुसार पुलिस का हस्तक्षेप होना था।
पत्रकारों में आक्रोश
बगैर जांच पड़ताल के पुलिस द्वारा पत्रकार धीरप हाड़ा पर दर्ज किए गए प्रकरण को लेकर पत्रकारों में खासा आक्रोश है। श्रमजीवी पत्रकार संघ जिलाध्यक्ष अशोक गुर्जर, नजीर एहमद, गिरीश सक्सेना, रहमान कुरैशी, दिलीप कारपेंटर, महेश शर्मा, अनिल शर्मा, अर्श एहमद, बहादुर सिंह, दशरथ सिंह, दिलीप जैन, कनीराम यादव, रामेश्वर कारपेंटर, रिजवान खॉन आदि ने आक्रोश व्यक्त करते हुए बताया कि पत्रकार पुलिस के समक्ष शिकायत करता है उसे पर कोई जांच नहीं होती है जबकि एक पत्रकार के विरुद्ध शिकायत प्राप्त होने पर पुलिस उल्टा पत्रकार पर ही प्रकरण दर्ज कर देती है।

शिघ्र ही बैठक आयोजित कर लेंगे निर्णय

‘‘पत्रकार साथी पर बगैर जांच के दर्ज हुए प्रकरण की हम निंदा करते है शिघ्र ही इस संबंध में पत्रकार साथियों की एक बैठक आयोजित की जाएगी और उचित निर्णय लिया जाएगा –   दुर्गेश शर्मा, प्रेस क्लब अध्यक्ष आगर’’

‘‘स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी मनोज शर्मा की रिपोर्ट पर 27 मार्च को धीरप हाड़ा के विरूद्ध प्रकरण दर्ज कर मामला जांच में लिया गया है वहीं धीरप हाड़ा द्वारा 22 मार्च तथा 28 मार्च को प्रस्तुत किए गए आवेदनों पर भी जांच की जा रही है वैधानिक कार्रवाई की जाएगी –                                            अनिल मालवीय, कोतवाली थाना प्रभारी आगर’’

Leave A Reply

Your email address will not be published.

Don`t copy text!