ग्राम भदवासा में हत्या का मामला । मृतक के परिजनो नें सामाजिक संगठन के साथ कलेक्टर के कार्यालय के सामने दिया धरना। प्रकरण में पुलिस की कार्यवाही पर लगाए कई गंभीर आरोप। धरना स्थल पर पहुंचे एडीएम, एएसपी एवं सीएसपी
आगर मालवा- ग्राम भदवासा में 9 अप्रैल को हुई हत्या के मामले में मृतक के परिजनों ने पुलिस पर प्रभावशाली कार्यवाही न करने का आरोप लगाते हुए आज अनुसूचित जाति जनजाति सयुंक्त एकता महासंघ बैनर के तले कलेक्टर कार्यालय के सामने धरना दे दिया। धरने के दौरान एडीएम आर. पी. वर्मा एडिशनल एसपी सुश्री निशा रेड्डी एवं सीएसपी मोतीलाल कुशवाह धरना स्थल पर पहुंचे और पीड़ितों को प्रकरण में उचित कार्रवाई करने का आश्वासन देते हुए उन्हें समझाने का प्रयास किया इसके बाद पीड़ित पक्ष ने धरना समाप्त किया।
पीड़ित पक्ष ने अपने ज्ञापन में बताया कि दिनांक 09-4-2024 को ग्राम भदवासा के अ.जा. वर्ग के नवयुवक लालुसिंह सुर्यवंशी की मामुली जमीन के विवाद को लेकर आरोपी द्वारा लोहे की रॉड (सब्बल) से हत्या कर दी गई है जिसकी गवाह उसकी लडकी १२ साल की बालीका है।
यह कि क्षेत्र मे दलीत लोगो पर दिन ब दिन अत्याचार बढ़ता जा रहा है, और हत्या करने वाले आरोपी अपने धनबल बाहुबल राजनितीक बल पर पुलिस को प्रभवित कर हत्या के मामले मे
षडयंत्र कर कमजोर केस बना रहे है, घटना के समय मोजुद चश्मदीद बालीका द्वारा पुलिस को बताया कि हत्या के समय घटना स्थल पर हत्यारे को हत्या करने के लिये उकसाने वाले और उसकी सहायता करने वाले अन्य 4-5 लोग थे, और हत्या लोहे की रॉड (सब्बल) से की गई थी, तो भी पुलिस द्वारा आरोपी के प्रभाव में आकर सबल की बजाय लठ से मारना बता रही है और हत्या के समय मोजूद अन्य आरोपीयो को साफ तोर से इस केस से बाहर निकाल रही है, जबकि यदि अन्य सह आरोपी हत्यारे की मदद नही करते तो शायद आज हमारा भाई लालुसिंह सुर्यवंशी जिंदा होता, वहीं १०० डायल के फोन लगाने पर भी ४ घंटे तक पुलिस का घटना स्थल पर नही आना, और मृतक का पी.एम. होते समय मृतक के कपडे जप्त नही करना, हत्या के अन्य सह आरोपियो का आरोपी नहीं बनाना, इन सब बातो से साफ जाहिर होता है कि पुलिस हत्या के मामले को कमजोर करना चाहती है, यदि ऐसा ही चलता रहा तो वह दिन दुर नही जब अ.जा. वर्ग के लोगो का जिना दुश्वार हो जायेगा, इसलिये हम शासन प्रशासन से मांग करते है कि :-
हत्या की चश्मदीद गवाह बालिका को सुरक्षा प्रदान की जावे ।
मृतक की माता को मुआवजा के रूप मे १ करोड रूपये दिलवाये जावे।
मृतक की माता के नाम से पट्टा बनाया जावे।
हत्या में सहयोगी अन्य लोगो को आरोपी बनाया जावे।
वहीं प्रकरण में सीएसपी मोतीलाल कुशवाहा ने बताया कि मृतक की बालिका द्वारा प्राथमिक रूप से जो बयान दिए गए थे और घटनास्थल पर जो साक्ष मिले हैं उस आधार पर पुलिस द्वारा कार्रवाई की गई है और जहां तक मृतक के परिजनों और सामाजिक संगठनों द्वारा आज धरना एवं ज्ञापन के साथ की गई मांग का है तो उस पर संबंधित विभागों को सूचित कर दिया गया है जो उस पर न्यायोचित विचार कर रहे हैं-