आगर मालवा-
राज्य शासन, जिला और अस्पताल प्रशासन प्रदेश की सरकारी अस्पतालों की व्यवस्था सुधारने के लिए चाहे कितना ही प्रयास क्यों ना करें पर इन प्रयासों का असर ज्यादा समय तक देखने को नहीं मिलता है।
अब बात अगर मालवा जिला चिकित्सालय की ही करें तो जिला अस्पताल में सिविल सर्जन के बदलाव के साथ शुरुआत में जो सुधार देखने को मिले थे लगता है अब वह धीरे-धीरे दम तोड़ते नज़र आ रहे हैं।
जिला चिकित्सालय से कई बार मरीजों की शिकायत आती है कि यहां पर अक्सर डॉक्टर ओपीडी समय पर ओपीडी में उपलब्ध नहीं होते हैं और मरीज परेशान होते रहते हैं।
ऐसा ही कुछ हाल आज 28 अगस्त 2024 को भी देखने को मिला जब सुबह 9:00 बजे खुलने वाली ओपीडी में सुबह 10:00 बजे तक डॉक्टर नहीं पहुंचे जिसके चलते मरीज और उनके परिजन परेशान होते रहे।
कुछ लोगों का कहना है कि अधिकांश डॉक्टर शासकीय नौकरी करने के बाद अस्पताल से ज्यादा अपनी प्राइवेट प्रैक्टिस पर ध्यान देते हैं और वें शासकीय नौकरी तो मात्र अपनी प्राइवेट प्रैक्टिस चमकाने के लिए करते हैं और इसके चलते ऐसे डॉक्टर कई बार ओपीडी के समय पर भी अपने निजी क्लिनिको पर प्रैक्टिस करते हुए दिखाई दे जाते हैं ।
इस संबंध में जिला अस्पताल के प्रभारी सिविल सर्जन डॉ शशांक सक्सेना से जब गिरीश न्यूज़ नें चर्चा की तो उन्होंने बताया कि सभी डॉक्टरों को समय पर उपस्थित होने के सख्त निर्देश दिए गए हैं हालांकि जब डॉक्टर सुबह अस्पताल आते हैं तो वह सबसे पहले अस्पताल के वार्डो मैं भर्ती मरीजों को देखते हैं और उसके बाद ओपीडी में पहुंचते हैं जिसके चलते कई बार डॉक्टर को ओपीडी में पहुंचने में थोड़ा समय लग जाता है हालांकि आपके द्वारा जिस स्थिति से मुझे अवगत कराया गया है उस संबंध में एक बार वास्तविकता देख लेता हूं और यदि कहीं पर कोई लापरवाही है तो उसको तुरंत ठीक किया जाएगा-