दुर्घटना में मृत्यु के बाद जारी हुआ मृतक का संबल कार्ड। इस तरह कार्ड जारी होना षड्यंत्र या गंभीर लापरवाही यह जांच का विषय। संबल कार्ड धारी की दुर्घटना में मृत्यु होने पर है ₹4,00,000/- की राशि शासन से मिलने का है प्रावधान-
आगर मालवा –
शासकीय योजनाओं में हितग्राही को आर्थिक लाभा प्रदान करने वाली योजनाओं में विभागों द्वारा किस तरह फर्जीवाड़े के साथ कार्य किया जाता है इसका जीता जागता सबूत एक बार फिर अब आपके सामने है।
मामला नलखेड़ा नगर पंचायत से जुड़ा हुआ है जहां एक व्यक्ति की दुर्घटना मे हुई मृत्यु उपरांत उसे संबल योजना का कार्ड जारी कर दिया गया है। कार्ड जारी करने के लिए जहां एक और मृतक की मृत्यु के चार दिन बाद उसका आवेदन होना बताया गया है वहीं करीब 5 माह बाद प्रकरण में फिजिकल वेरिफिकेशन करना बताते हुए मृतक के नाम से सम्बल कार्ड भी जारी कर दिया गया है।
प्रकरण में नलखेड़ा निवासी मृतक हितग्राही राहुल पिता गिरीराज गवली की एक दुर्घटना में मृत्यु दिनांक 18-7-2022 को हो गई थी और उसकी मृत्यु के चार दिन बाद दिनांक 22-7-2022 को जहां मृतक का नाम संबल योजना के तहत पंजीबद्ध किया गया वहीं उसकी मृत्यु के 5 माह 19 दिन बाद दिनांक 7-1-2023 को प्रकरण का फिजिकल वेरिफिकेशन करना बताते हुए संबल कार्ड का सत्यापन भी कर उसे जारी कर दिया गया है।
जिस समय संबल योजना के तहत मृतक का भौतिक सत्यापन किया गया उस समय के दस्तावेजों से पता चलता है कि इसमें सत्यापन कर्ता के रूप में नगर पंचायत के कर्मचारी रौनक जैन का नाम है वही बताया जा रहा है कि उस समय नगर पंचायत के सी.एम.ओ. लीलाकृष्ण सोलंकी थे जो अब रिटायर्ड हो चुके है।
इस संबंध में जब गिरीश न्यूज़ ने नगर पंचायत के कर्मचारी रौनक जैन जिनका नाम मृतक के भौतिक सत्यापनकर्ता के रूप में सामने आया है से चर्चा की तो उन्होंने बताया कि संबल योजना से संबंधित कार्य नगर पंचायत की एक अलग शाखा देखती है उस शाखा में मैं नहीं हूं और इस संबंध में जो आईडी और पासवर्ड मेरे नाम से जारी किए गए हैं वह आज दिनांक तक मुझे प्राप्त नहीं हुए है। ऐसी स्थिति में इस तरह की गड़बड़ी कैसे हुई यह मैं नहीं बता सकता हूं।
इस संबंध में जब नगर पंचायत के वर्तमान सीएमओ देवेंद्र कुमार वत्स से गिरीश न्यूज़ ने चर्चा की तो उन्होंने बताया कि इस प्रकरण की जानकारी मुझे आपके माध्यम से मिली है मैं इसकी जांच करवाता हूं और यदि ऐसा हुआ है तो जो भी विधि अनुरूप उचित कार्रवाही है वह की जाएगी।
पूरे प्रकरण की खास बात यह है कि अभी भी क्षेत्र में ऐसे कई लोग हैं जो संबल योजना के लिए पात्र हैं पर उनका संबल योजना में कार्ड जारी नहीं हो पा रहा है वहीं एक मृत व्यक्ति का संबल कार्ड जारी कर दिया गया और जारी करते समय बाकायदा उसका फिजिकल वेरिफिकेशन करना भी बताया गया है ।
पूरे प्रकरण से साफ है कि यदि वास्तव में जिम्मेदारों द्वारा फिजिकल वेरिफिकेशन किया जाता तो उन्हें पता चल जाता की हितग्राही की मृत्यु तो पूर्व में ही हो चुकी है पर सत्यता यह है कि वास्तव में कोई फिजिकल वेरिफिकेशन ना करते हुए इसमें फिजिकल वेरिफिकेशन की महज कागजी खाना पूर्ति कर योजना के तहत संबल कार्ड जारी कर दिया गया ।
नगर पंचायत नलखेड़ा की यह कार्रवाई नगर पंचायत के अधिकारी और कर्मचारियों की कार्यप्रणाली पर कई तरह के प्रश्न चिन्ह लगाती है।
संबल योजना के तहत पात्र व्यक्ति की यदि किसी दुर्घटना में मृत्यु हो जाती है तो उसे शासन की तरफ से चार लाख रुपए की राशि प्राप्त करने का प्रावधान है, ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह है कि नगर पंचायत नलखेड़ा द्वारा इस तरह से दुर्घटना में मृत व्यक्ति का संभल कार्ड जारी करना किसी षड्यंत्र के तहत किया गया था या फिर यह एक गंभीर लापरवाही है साथ ही यह एक मामला तो खुल चुका है पर क्या इस तरह के कुछ और प्रयास विगत वर्षों में किए गए हैं यह भी एक विषय है जिसकी जांच की जाना चाहिए।
प्रकरण से संबंधित दस्तावेजों को नीचे दिया गया है जिनका अवलोकन कर आप भी इस फर्जी कार्यप्रणाली को आसानी से समझ सकते हैं-
