गरीबों के मांगलिक भवन पर दबंग का कब्जा। खाली करने का चेतावनी पत्र देकर अधिकारी कर रहे महज औपचारिकता की पूर्ति। आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के अहित के साथ ही नगर पंचायत का हो रहा लगातार आर्थिक नुकसान-
आगर मालवा
बड़ोद में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए बनाए गए मांगलिक भवन पर एक दबंग अवैध रूप से कब्जा कर वहां बिना अनुमति उचित मूल्य की दुकान संचालित कर रहा है। प्रकरण की खास बात यह है कि इस मामले में लगातार शिकायत मिलने के बाद भी नगर पंचायत सीएमओ संध्या सरयाम द्वारा दबंग को सिर्फ सुचना-पत्र जारी कर खाना पूर्ति की जा रही है पर कार्रवाई के नाम पर अभी तक कुछ भी सामने नहीं आया है।
हम बात कर रहे हैं बड़ोद वार्ड 14 के पार्षद प्रतिनिधि शंभू लबाना की जो इस समय प्राथमिक कृषि सहकारी संस्था बड़ोद के प्रभारी प्रबंधक हैं । वैसे तो इनका मूल पद सेल्समेन का बताया जा रहा है पर यह अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर पिछले काफी समय से प्रभारी प्रबंधक बने हुए है। इसके साथ ही इन पर परिवार के सदस्य को भी अवैध रूप से संस्था में नौकरी पर रखने के आरोप लग रहे हैं।
बताया जा रहा है कि शंभू लबाना पिछले काफी समय से अपनी शासकीय उचित मूल्य की दुकान अवैध रूप से बड़ोद नगर पंचायत के स्वामित्व वाले मांगलिक भवन में संचालित कर रहे हैं। इसके चलते नगर पंचायत द्वारा आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए बनाए गए इस मांगलिक भवन का जहां वास्तविक उद्देश्य पूरा नहीं हो पा रहा है वहीं नगर पंचायत को लगातार आर्थिक हानि भी हो रही है।
गिरीश न्यूज़ ने शंभु लबाना से उन पर लग रहे आरोपों के बारे में चर्चा करने के लिए कई बार संपर्क करने का प्रयास किया पर एक बार उनके द्वारा आकर मिलता हूं कहने के बाद, बाद में उन्होंने कभी भी मोबाइल रिसीव नहीं किया गया और ना ही उन्होंने गिरीश न्यूज़ से मुलाकात कर अपना कोई पक्ष रखा।
वहीं जब इस संबंध में गिरीश न्यूज़ ने नगर पंचायत सीएमओ संध्या सरयाम से जब चर्चा की तो उन्होंने जल्द ही उचित कार्रवाही करने का आश्वासन गिरीश न्यूज़ को दिया।
बड़ोद सीएमओ द्वारा एक सूचना पत्र दिनांक 5/02/2025 भी प्रबंधक प्राथमिक कृषि सहकारी संस्था बड़ोद के नाम से जारी किया गया जिसमें प्रबंधक को 24 घंटे के अंदर मांगलिक भवन को रिक्त करने के लिए आदेशित किया गया पर यह आदेश प्राप्त होने के बाद भी शंभू लबाना के द्वारा अभी तक मांगलिक भवन रिक्त नहीं किया गया है और इसके बाद भी सीएमओ द्वारा अभी तक उनके खिलाफ कोई कार्रवाई भी नहीं की गई है।
कानून-कायदे दबंग के आगे किस तरह से शिथिल पड़ जाते हैं इसका यह एक अच्छा उदाहरण है।
आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए बने इस मांगलिक भवन पर एक दबंग का कब्जा होने से जहाँ एक और आर्थिक रूप से कमजोर लोगों का अहित हो रहा है वहीं दूसरी ओर नगर पंचायत को भी इसके चलते आर्थिक नुकसान हो रहा है पर लगता है कि जिम्मेदारों को इसकी कोई खास चिंता नहीं है और यदि चिंता है भी तो फिर वह इस तरह की किसी दबंगता के आगे लाचार नजर आते हैं –
मांगलिक भवन में रखी खाद्यान्न की बोरीया
