नगरीय निकायों के नाम से जारी हो रही फर्जी भवन निर्माण अनुज्ञा । आगर नगरपालिका के नाम से जारी फर्जी अनुज्ञाए आई सामने । निकायों के इंजीनियर के साथ ही अधिकारी, और कर्मचारियों पर लगा साठगांठ का आरोप । पूरे प्रदेश में हो सकते ऐसे हालात । हर माह हो रहा भारी भरकम राजस्व का नुकसान । मय साक्ष्य हुई शिकायत ।
नगरीय निकायों के नाम से जारी हो रही फर्जी भवन निर्माण अनुज्ञान। पूरे प्रदेश मे मिल सकते है कमोबेश यही हालात
आगर मालवा-
अब पूरे मप्र के नगरीय निकायों को अलर्ट करने वाला एक घटनाक्रम सामने आया है ।
दरअसल मप्र शासन ने भवन निर्माण अनुमति में फर्जीवाड़े और लेट लतीफी से बचाने के लिए कुछ वर्ष पहले इस पूरी प्रक्रिया को ऑनलाईन किया था पर अब लगता है कि इस सिस्टम के जानकारों ने मप्र शासन के द्वारा बनाए गए सॉफ्टवेयर की कमी का फायदा उठाकर इससे भी फर्जी भवन निर्माण अनुज्ञा जारी कर शासन और नगरीय निकायों को भारी भरकम राजस्व नुकसान पहुँचा कर अपनी जेब भरने का रास्ता निकाल लिया है ।
जी हां ऐसे ही कुछ मामले सामने आए है आगर मालवा जिला मुख्यालय की नगर पालिका आगर में जहां पहले तो भूमि स्वामी संतोष बाई से पूरा शुल्क वसूलते हुए उसको 28-10-2021 को एक फर्जी निर्माण अनुज्ञा जारी की गई और जब भूमि स्वामी ने इस अनुज्ञा के आधार पर बैंक से लोन लेने की प्रक्रिया शुरू की तो बैंक के पैनल लॉयर पारस जैन की जागरूकता के चलते यह पता चला कि यह अनुमति तो नगरपालिका आगर द्वारा जारी ही नही की गई है बल्कि भवन निर्माण अनुमति प्रोसेसर (जो कि एक सिविल इंजीनियर होता है जिसने इस कार्य हेतु नगरपालिका में अपना रजिस्ट्रेशन करवा रखा हो ) संबंधित प्रकरण में उज्जैन निवासी इंजीनियर हेमंत भानोपिया प्रोसेसर है जिन पर इस तरह के आरोप लगे है ने किसी दूसरे को जारी अनुमति के क्रमांक का उपयोग करते हुए, उसमें कुछ काट छाट कर नगरपालिका सीएमओ के डिजिटल साईन के साथ यह फर्जी अनुमति भूमि स्वामी को दे दी है और जिसका पता स्वयं भूमि स्वामी को भी नही है कि उससे निर्माण अनुमति की पूरी राशि लेने के बाद भी उसे इस तरह की फर्जी भवन निर्माण अनुमति पकड़ा दी गई है ।
पर जैसे ही इस मामले का खुलासा हुआ तो तुरंत ही प्रोसेसर ने भूमि स्वामी से निर्माण अनुमति हेतु लिए हजारों रुपये नगरपालिका में जमा करते हुए एक दिन में ही उस निर्माण की वास्तविक अनुमति 3-3-2022 की नगरपालिका से जारी करवा ली ।
ठीक इसी तरह का प्रकरण आगर की श्रीमती रेखा गुजराती के साथ भी हुआ है जिनसे अनुज्ञा की पूरी राशि वसूलने के बाद भी जिन्हें पहले 30-12-2021 को एक फर्जी निर्माण अनुज्ञा जारी कर दी गई और फिर इसका खुलासा हुआ तो इन्हें ततकाल 14-3-2022 को ओरिजनल अनुज्ञा दे दी गई है ।
दर्शकों के सामने ये दोनों निर्माण अनुमति है आप देख सकते है कि एक ही पक्षकार को एक ही निर्माण के लिए दो अलग-अलग निर्माण अनुमति जारी की गई है जिसमे से 28-10-2021 को जारी निर्माण अनुमति फर्जी है और 3-3-2022 को जारी निर्माण अनुमति असली है ।
प्रकरण का खुलासा करने वाले बैंक पैनल लायर पारस जैन का कहना है कि नगरपालिका आगर द्वारा काफी लंबे समय तक भवन निर्माण अनुज्ञा को पेंडिंग रखा जाता है और उसके चलते चालाक लोगो को इस तरह की बदमाशी करने का अवसर मिलता है । गिरीश न्यूज़ ने भी जब नियमो को खंगाला तो पता चला कि अनुज्ञा का पेमेंट जनरेट होने के बाद इसका 3 दिन में निपटारा करना अनिवार्य है जबकि आगर नागलपालिका ने कई अनुज्ञा को 6 माह से भी अधिक समय से लंबित रखा हुआ है जो वास्तव में आश्चर्यजनक है ।
जब हम इस पूरे मामले की गहराई में गए तो हमे जानकारी मिली है कि इस तरह की कई निर्माण अनुमति जारी हुई है और जिसका पता अनुज्ञप्ति धारियों तक को नही है क्योंकि उन्होंने तो अनुज्ञप्ति की पूरी राशि चुकाई है पर इन सबका खुलासा तब होगा जब भूमि स्वामी के सामने निर्माण संबंधी कोई विवाद की स्थिति खड़ी होगी या फिर वह बैंक से लोन लेने जाएगा तब यदि बैंक लायर इस बदमाशी को पकड़ ले ।
बैंक पैनल लायर पारस जैन बता रहे है कि यदि पूरे प्रकरण की सूक्षमता से जांच की जाए तो पूरे प्रदेश में एक ऐसे बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा हो सकता है जिसके माध्यम से शासन और नगरीय निकायों को करोड़ो रूपये के राजस्व का चूना हर महीने लगाया जा रहा होगा क्योंकि जिस तरह से ये फर्जीवाड़ा किया गया है वह शासन द्वारा बनाए गए सॉफ्टवेयर की किसी कमजोरी का फायदा उठाए बिना संभव नही है क्योंकि फर्जी निर्माण अनुमति में भी नगरीय निकाय के सीएमओ के डिजिटल सिग्नेचर हूबहू आ रहे है ।
इस पूरे फर्जीवाड़े को पकड़ने वाले अधिवक्ता पारस जैन ने अब इस मामले के शिकायत जिले के कलेक्टर और नगरपालिका आगर के प्रशासक अवधेश शर्मा को कर प्रकरण में मुख्य आरोपियों के साथ नगरपालिका आगर के अधिकारी, कर्मचारी और इंजीनियर पर भी मिलीभगत का आरोप लगाते हुए पूरे प्रकरण की सूक्षमता से जांच कर दोषियों के खिलाफ आवश्यक कानूनी कार्यवाही करने की मांग की है ।
वहीं अभी कुछ दिनों पहले ही आगर नगरपालिका के सीएमओ का चार्ज सम्हालने वाले सीएमओ से जब हमने इन सब के बारे में बताया तो उन्होंने पूरे मामले से अभी तक अपने आपको अनभिज्ञ बताते हुए इसे एक गंभीर प्रकरण बताया तथा इसकी जांच करा कर प्रकरण के दोषियों पर कार्यवाही की बात कही है ।
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