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आगर जिला अस्पताल में पदस्थ डॉ रोहित चौधरी का बहुचर्चित स्थानांतरण का मामला । हाईकोर्ट ने स्थानातरण को राजनीतिक दबाव में किया स्थानांतरण मनाते हुए स्थानांतरण आदेश निरस्त किया-

आगर मालवा-
आगर जिला अस्पताल में महिला रोग विशेषज्ञ के रूप में पदस्थ रहे डॉ रोहित चौधरी को इंदौर हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है ।
हाईकोर्ट ने डॉ रोहित चौधरी की पिटीशन को स्वीकार करते हुए रिस्पॉडेन्ट पर 10,000/- की कास्ट लगाते हुए डॉ रोहित चौधरी के आगर मालवा से बुरहानपुर किए गए ट्रांसफर को राजनीति दबाव के तहत किया गया ट्रांसफर मानते हुए उसे निरस्त कर उन्हें कुल 3 वर्ष की सेवा अवधि पूरा होने तक जिला अस्पताल आगर में पदस्थ रखने का निर्देश दिया है ।
साथ ही आदेश में बताया गया है कि इस दौरान डॉ रोहित चौधरी का ट्रांसफर प्रशसनिक रुप से किया जा सकता है पर किसी राजनीतिक दबाब या फिर कोई ऐसी शिकायत जिसकी जांच ना की गई हो के आधार पर ना किया जाए ।
हम आपको बता दे कि हाईकोर्ट इंदौर में अपने ट्रांसफर के खिलाफ पिटीशन प्रस्तुत करते हुए डॉ रोहित ने कोर्ट के सामने जिला अस्पताल में उनकी पदस्थापना के पहले की मेटरनिटी व्यवस्था जिसके तहत जिला अस्पताल में कोई मेटरनिटी ऑपरेशन ना होने और उनकी पदस्थापना के बाद करीब 100 मेटरनिटी ऑपरेशन होने के आकडे प्रस्तुत करते हुए बताया कि इसके चलते आगर के मेडिकल स्टाफ और निजी अस्पताल को उनके कारण भारी नुकसान उठाना पड़ रहा था इसके चलते इनकी दुर्भावना और साथ ही एक राजनीतिक दल द्वारा उनके ट्रांसफर हेतु स्वास्थ मंन्त्री को लिखे गए पत्र एवं उनके ट्रान्सफर के बाद अस्पताल की मेटरनिटी संबंधी अव्यवस्था के सम्बंध में समाचार पत्रों में लगी खबरों को अपना आधार बनाया था और इस तरह डॉ रोहित कोर्ट को यह बताने में सफल रहे कि उनका ट्रांसफर दुर्भावनापूर्वक किया गया है ।

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