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कलेक्टर ने 2018 में घोषित किया इन 8 गांव को राजस्व ग्राम । पर प्रशासनिक एवं जनप्रतिनिधियों की लापरवाही का आलम यह कि 5 वर्ष बाद भी नही हुआ आदेश पर अमल । अब एक बार फिर ग्रामीणों ने दिया कलेक्टर के नाम ज्ञापन

आगर मालवा-
पहले शासन से पात्रता पाने के लिए संघर्ष और फिर इस संघर्ष के बाद हुई घोषणा और आदेश के बाद उसे अमलीजामा पहनाने के लिए फिर संघर्ष । जी हां ऐसा ही कुछ मामला है आगरा मालवा जिले के उन 08 गांवो तारबल्डी, पायरी, बरखेड़ा, लसुल्डी, ढाबला छत्री,अरनियातलाई, जगतपुरा एवं पाडाना का खेड़ा का जिन्हें तत्कालीन कलेक्टर अजय गुप्ता द्वारा वर्ष 2018 मे आदेश भू.अ./मजरा-टोला/2018 आगर मालवा दिनांक 01.05.2018 से संदर्भित आदेशानुसार राजस्व गांव तो घोषित कर दिया पर इसके बाद भी अब तक 5 वर्ष बीत जाने पर भी प्रशासनिक लापरवाही एवं जिले के जनप्रतिनिधियो की उदासिनता के चकते कलेक्टर के इस आदेश पर अमली जामा नही पहनाया जा सका है ।
परिणाम स्वरूप आज दिनांक तक उक्त गांवो को कार्यालय भू अभिलेख राजस्व ग्वालीयर मे अलग गांव के रूप मे नही जोड़ा गया है जिसके कारण उक्त गांवो का नाम शासन के विभिन्न पोर्टल पर अलग से प्रदर्शित नही हो रहा है जिसके चलते इन गांवों को शासन की विभिन्न योजनाओ का लाभ लेने मे ग्रामीणो को विभिन्न तरह की समस्याए आ रही है ।

अब सामाजिक कार्यकर्ता विनीत मालवीय के नेतृत्व मे उक्त 08 गावं के ग्रामीणो द्वारा कलेक्टर कार्यालय पहुँचकर कलेक्टर के नाम ज्ञापन दिया गया है ।
विनीत मालवीय द्वारा बताया गया कि उक्त गांवो को राजस्व गांव तत्कालीन कलेक्टर अजय गुप्ता द्वारा घोषित किया गया था किन्तु आज दिनांक तक उक्त आदेश का क्रियान्वयन नही हुआ जिसके परिणाम स्वरूप ग्रामीणो को कई समस्याओ का सामना करना पढ रहा है जैसे सड़क नही बन रही, पंचायत के समग्र पोर्टल में गांव का नाम नहीं आ रहा, बच्चो के एडमिशन में पते में गांव का उचित नाम नही आता है, गांव अलग न होने से डाक पत्र एवं दस्तावेज सही पते पे नही आते है, राजस्व रिकार्ड के हल्के में गांव का नाम नही आता है व अन्य कई शासकीय योजना का लाभ नहीं मिल रहा है । हमारे द्वारा पूर्व मे भी इस विषय को लेकर आवेदन दिए पर आज दिनांक तक उक्त विषय का निराकरण नही हो सका है, यदि आगामी दिनो मे उक्त गांवो को राजस्व गांव की सुविधाए प्रदान नही की जाती है तो हम आगामी दिवस मे चरणबद्ध आंदोलन करेंगे-

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