कलेक्टर कार्यालय सहित जिले के कार्यालयों में सूचना अधिकार अधिनियम की उड़ रही धज्जियां । कलेक्टर की जनसुनवाई में फिर पहुंचा आवेदन –
आगर मालवा-
जिले के लगभग सभी शासकीय कार्यालयों में सूचना अधिकार अधिनियम की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही है । यहां तक कि आगर मालवा का कलेक्टर कार्यालय भी इससे अछूता नही दिख रहा है ।
आज मंगलवार को कलेक्टर कार्यालय की जनसुनवाई में कुछ ऐसी ही शिकायत लेकर समाजसेवी राजेश देसाई एक बार फिर पहुँचे और जिले के सभी कार्यालय में सूचना अधिकार अधिनियम का पालन करते हुए अपडेट सूचना बोर्ड के साथ ही इस अधिनियम के तहत फीस नगद जमा करने के इच्छुक आवेदकों के लिए कार्यालयो में रसीद कट्टे रखने के लिए आवेदन दिया है ।
सूचना अधिकार का अधिनियम एक ऐसा अधिनियम है जिसे शासन में पारदर्शिता और आम आदमी की शासकीय दस्तावेजो तक पहुँच सुलभ करने के नाम पर वाही-वाही लूटने के लिए बना तो दिया गया पर इतिहास गवाह है कि कभी भी जिम्मदरो ने ये नही चाह की ये अधिनियम अपने वास्तविक उद्देश्य तक पहुँच सके ।
अब अधिनियम की बात की जाए तो इसमें समस्त शासकीय कार्यालयों के बाहर सूचना बोर्ड लगाने के निर्देश है जिसमे सूचना अधिकारी और प्रथम अपीलीय अधिकारी का नाम लिखा होना चाहिए वहीं समस्त विभागों को अपने दस्तावेजो को ऑनलाइन अपडेट रखने के भी निर्देश है पर यदि आगर मालवा जिले की ही बात की जाए तो यहां अधिकांश कार्यालय के बाहर सूचना बोर्ड लगे हुए नही मिलेंगे और यदि कहीं लगे हुए भी है तो उनमें अपडेट सूचना नही मिलेगी वहीं अधिकांश विभागों में जानकारी को ऑनलाइन अपडेट रखने की कल्पना करना ही बेमानी होगा इसके साथ ही सूचना अधिकारी सूचना देने से बचने के लिए किस तरह आवेदकों को गुमराह करने का प्रयास करते है यह भी किसी से छुपा हुआ नही है ।
ऐसा सब क्यो होता है यह भी सब अच्छी तरह से जानते है ।
अब आवेदक राजेश देसाई का कहना है कि वे इस विषय को लेकर पिछले 4-5 माह से आवेदन दे रहे है वहीं जिले के नवागत कलेक्टर राघवेन्द्र सिंह की जनसुनवाई में पहली बार आवेदन दिया है और यदि अब भी उनकी सुनवाई नही हुई थी तो फिर वे अन्य वरिष्ठ अधिकारियों और सीएम को आवेदन देंगे और इसके बाद भी यदि कोई कार्रवाही नही हुई तो फिर न्यायालय जाएंगे-