सोयतकला नगर पंचायत के सामने अनशन पर बैठी महिला सफाई कामगार से मिलनें एसडीएम के साथ पहुंचे तहसीलदार, थाना प्रभारी एवं नायब तहसीलदार। अब दरोगा पर होने वाली है कार्रवाई ?
मामला दरोगा द्वारा रुपये लेकर महिला को नौकरी पर रखने तथा फिर नौकरी से निकालने का
आगर मालवा-
सोयत नगर पंचायत के सामने धरने पर बैठी उर्मिला वाल्मीकि के धरने के आज चौथे दिन एसडीएम, तहसीलदार , थाना प्रभारी, नायब तहसीलदार आदि नगर परिषद पहुंचे एवं वहां जांच करते हुए संबंधितो के कथन लिए।
इस दौरान जांच में पाए गए दोषी पर कार्रवाई के आश्वासन के बाद सफाई कर्मी उर्मिला वाल्मीकि ने भी अपना अनशन समाप्त कर दिया।
हम आपको बता दे कि प्रदर्शनकारी महिला शर्मिला वाल्मीकि का आरोप है कि दरोगा राकेश छतरबिनद ने ₹80000 अस्सी हजार लेकर मुझे नौकरी पर रखा और 8 महीने बाद मुझे उस वक्त नौकरी से निकाल दिया जब मैंने उसे नौकरी पक्की करने और परमानेंट करने के बारे में कहा । महिला का कहना है कि दरोगा पर कार्यवाही हो , मुझे मेरे रुपए वापस लौटाए जाए तथा मुझे नौकरी पर रखा जाए । पीड़ित महिला ने इस पूरे मामले से उच्च अधिकारियों को भी अवगत करवाया था । किंतु जब कहीं से भी किसी ने इस समस्या का हल नहीं करवाया तब महिला ने अधिकारियों को पुनः आवेदन देकर समस्या का हल नहीं होने पर धरना प्रदर्शन व आमरण अनशन की चेतावनी दी थी । फिर भी समस्या का कोई हल नहीं हुआ तब महिला बीते बुधवार की सुबह 11:00 बजे से नगर परिषद के बाहर धरने पर बैठ गई । इस बीच महिला को धरने से उठाने के लिए उसके टेंट तंबू गायब करवा दिए गये तथा उसके धरना स्थल पर जेसीबी व अन्य साधन खड़े कर दिए उसके बाद भी पिडीत महिला ने हिम्मत नहीं हारी और उसने नीचे जमीन पर बैठकर अनशन शुरू कर दिया। महिला द्वारा लगाए गए आरोपों के बाद यह जांच का विषय हो सकता है कि दरोगा द्वारा किस अधिकार से कर्मचारीयों की नियुक्तियां की जा रही थी । पिछले डेढ़ वर्ष में नई परिषद के बैठने के बाद से कितने कर्मचारी रखे गए तथा इस सब के पीछे सीएमओ , अध्यक्ष आदि की क्या भूमिका रही?
क्योंकि कर्मचारी रखने के मामले में समय-समय पर सोयतकला नगर परिषद चर्चा में रही है । क़रीब दो वर्ष पूर्व स्वच्छता कर्मियों के अवकाश व फर्जी मस्टर भरने के मामले में रुपए का लेनदेन करने पर निकाय के ही कर्मचारीयों की शिकायत पर एक कर्मचारी को लोकायुक्त पुलिस उज्जैन द्वारा 04 मार्च 2022 को ट्रेप किया जाकर गिरफ्तार किया गया था । इसके बाद इस बात पर मुहर लग गई थी कि कर्मचारियों की नियुक्ति से लेकर उनके वेतन , अवकाश एवं मस्टर आदि मामलों मैं रुपए का खुला लेनदेन चल रहा है –