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नहीं थम रहा जिला चिकित्सालय से प्रसुताओं को निजी अस्पताल भेजे जाने का खेल। अब डॉक्टर ने स्वयं निजी चिकित्सालय की एंबुलेंस को बुलाकर पीड़ित परिवार की सहमति लिए बिना प्रसूता को निजी अस्पताल भेजा। नॉर्मल डिलेवरी होने के बाद पीड़ित परिवार अब नहीं चुका पा रहा निजी अस्पताल का खर्चा। सिविल सर्जन को की गई शिकायत। सिविल सर्जन ने जांच दल गठित कर आरोपी डॉक्टर को जारी किया शोकाज नोटिस

आगर मालवा-
जब से आगर मैं जिला चिकित्सालय का नया भवन बना है तब से वहां कहने के लिए तो बड़ी संख्या में डॉक्टर और आधुनिक व्यवस्थाओं का दावा किया जा रहा है पर फिर भी यहां प्रसुताओं को निजी अस्पताल पहुंचाने का खेल उसी तरह से जारी है जैसे हमेशा से रहा है।
अब मामला बीती रात का ही है जिसमें अस्पताल में पदस्थ डॉक्टर वी. बी. पाटीदार पर एक प्रसूता को बेवजह निजी अस्पताल पहुंचाने का आरोप लगा है।
इस प्रकरण में लगे आरोप के अनुसार जिला चिकित्सालय पहुंची एक प्रसूता को डॉ वी. बी. पाटीदार ने यह कहते हुए निजी अस्पताल भेज दिया कि मामला काफी कॉम्प्लिकेटेड है इसकी डिलीवरी यहां पर नहीं हो पाएगी इसे तुरंत निजी चिकित्सालय में ले जाना होगा वही सहयोग के नाम पर डॉक्टर ने एक निजी अस्पताल एंबुलेंस बुलाकर प्रसूता को निजी अस्पताल में भेज दिया और इस निजी चिकित्सालय में पहुंचते ही 10-15 मिनट के अंदर ही प्रसूता की नॉर्मल डिलीवरी हो गई।
पीड़ित प्रसूता की ओर से दिए गए आवेदन में प्रसूता ने बताया है कि-
प्रार्थीया नलखेड़ा निवासी लक्की बी पति राहुल खॉन को डिलेवरी हेतु रात करीब 10 बजे जिला चिकित्सालय आगर मे लाया गया था । उस समय चिकित्सालय में उपस्थित डॉ वी. बी. पाटीदार ने मेरी जॉच किए बिना ही कह दिया कि यह डिलेवरी यहाॅ नहीं हो पाएगी इसे किसी निजी अस्पताल मे कराना होगा । यह कि उस समय मेने कहा कि मेरे स्थानीय रिश्तेदार को तो यहाॅ आ जाने दो फिर फैसला करते है क्योकि उस समय चिकित्सालय मे पदस्थ एक मेडम ने मेरी जाँच उपरांत बोला था कि आपकी डिलेवरी तो 20-25 मिनिट में यहीं हो जाएगी कहीं कोई परेशानी नहीं है पर डॉ वी. बी. पाटीदार ने एक कागज पर प्रसुता के पति के हस्ताक्षर कराते हुए कहा कि में तुम्हारे लिए आगर स्थित निजि अस्पताल नवजीवन से एम्बूलेंस मंगाँ देता हूँ और उन्होने तुरंत उस अस्पताल की एम्बूलेस बुला दी जिस पर प्रसुता को नवजीवन अस्ताल ले जाया गया और वहाँ ले जाते ही 20-25 मिनिट में प्रसुता की सामान्य डिलेवरी हो गई जिसके बाद निजि अस्पताल वाले 20,000/- रू. की मांग प्रसुता के परिजनो से कर रहे है जबकि प्रसूता की आर्थिक स्थिति ईतने रुपए देने की नहीं है प्रसुता गरीब है वह इतनी राशि अदा नहीं कर सकती है पर सबसे बड़ा सवाल यह है कि जब एक निजि अस्पताल में जाकर तुरंत ही प्रसुता की सामान्य डिलेवरी हो गई तो फिर आपके चिकित्सालय मे पदस्थ डॉ वी. बी. पाटीदार ने क्यो प्रसुता को एक निजि चिकित्सालय मे भेजा जबकि अस्पताल में पदस्थ एक अन्य महिला जिनका नाम एवं पद हम नहीं जानते है नें भी प्रसुता की जॉच उपरांत कहा था कि इनकी तो यहीं सामान्य डिलेवरी हो जाएगी ।
अतः महोदय से निवेदन है कि डॉ वी. बी. पाटीदार के खिलाफ उचित वैधानिक कार्रवाही की
जाए ताकि उनके इस आचरण से अन्य गरीब तबके के लोगो को फिर परेशान ना होना पड़े और साथ ही प्रसुता को उचित मुआवजा दिलवाने का कष्ट करे ।

हालांकि गिरीश न्यूज़ नें निजी अस्पताल नवजीवन के संचालक से चर्चा की तो उन्होंने प्रसुता के परिजनों को बिल में राहत देने का आश्वासन दिया है।

 पीड़ित पक्ष की ओर से उपरोक्त शिकायत मिलने पर सिविल सर्जन डॉक्टर शशांक सक्सेना ने जांच दल गठित करते हुए आरोपी डॉक्टर को शो काज नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा है।

अब महत्वपूर्ण यह कि यह कोई पहला मामला नहीं है जिला चिकित्सालय का जो इस तरह से आया हो आए दिन यहां से इस तरह की शिकायतें प्राप्त होती है जब प्रसूति के लिए पहुंची महिलाओं को बेवजह यहां के निजी चिकित्सालय में भेज दिया जाता है यही नहीं बाकायदा इन चुनिंदा निधि चिकित्सालयों की एंबुलेंस भी अस्पताल के आसपास मंडराती रहती है जो जिला चिकित्सालय से फोन आने पर तत्काल वहां पहुंच जाती है और मरीज को लेकर अपने संबंधित अस्पताल में चली जाती है। गिरीश नियत को सूत्रों ने बताया इसके पीछे एक लंबा चौड़ा कमीशन का खेल है और यहां के डॉक्टर और स्टाफ को हर प्रसुता पर एक निश्चित कमीशन इन निजी अस्पतालों द्वारा दिया जाता है।
इसके पूर्व भी जिला चिकित्सालय में पदस्थ प्रसूती विभाग के चिकित्सकों की इस तरह की शिकायत है पहले भी कई बार हो चुकी है और हर बार शिकायत के बाद कुछ दिनों तक मामला सही रहता है और कुछ समय बाद फिर वही पुराना सिस्टम एक्टिव हो जाता है।
आखिर यह साठ-गांठ और कमीशन खोरी का खेल किस तरह से बंद किया जाए इसको लेकर जिला और अस्पताल प्रशासन को कुछ ठोस कदम उठाने होंगे तभी शासकीय जिला चिकित्सालय में पहुंचने वाले गरीब तबके के लोगों को न्याय मिल पाएगा-

 

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