सरकारी भूमि पर नगर पंचायत के कर्मचारी ने बनाया दो मंजिला पक्का मकान । राजस्व निरीक्षक ने तहसीलदार को दी 4 साल पहले रिपोर्ट । बच्चे भी नियम विरुद्ध तरीके से दो से अधिक । लगातार शिकायत के बाद भी नहीं हो रही कोई कार्रवाही । अब मामला कलेक्टर की जनसुनवाई में पहुंचा
आगर मालवा-
यूं तो शासकीय भूमि से अतिक्रमण हटाने संबंधी आदेश समय-समय पर शासन स्तर से जारी होते रहते हैं वहीं प्रशासनिक स्तर पर भी समय-समय पर कार्रवाहिया देखने को मिलती है पर अब आगर मालवा जिले में एक ऐसा मामला सामने आया है जो आम जनता के मन में प्रशासनिक सिस्टम को लेकर कई तरह के सवाल खड़े कर सकता है ।
जिले की बड़ोद नगर पंचायत मैं पदस्थ कर्मचारी संजय झांझोट पर आरोप लगे हैं कि उन्होंने शासकीय भूमि पर अतिक्रमण करके दो मंजिला पक्का मकान बना लिया है वहीं शासन के नियम के खिलाफ तीन बच्चे होने के बाद भी वह अभी तक नौकरी कर रहे हैं ।
इस प्रकरण की सबसे रोचक बात यह है कि आरोपी कर्मचारी के द्वारा शासकीय भूमि पर दो मंजिला मकान बनाए जाने का प्रतिवेदन 2019-20 में संबंधित राजस्व निरीक्षक, तहसीलदार को दे चुके है पर इसके बाद भी अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है । वहीं आरोपी कर्मचारी की शिकायत इनके तीन बच्चों को लेकर भी की गई है । मध्य प्रदेश में सरकारी नौकरी के लिए दो-बच्चे की नीति लागू है। यदि किसी व्यक्ति के तीन या उससे अधिक बच्चे हैं और तीसरा बच्चा 26 जनवरी 2001 के बाद पैदा हुआ है, तो वह शासकीय नौकरी के लिए अयोग्य माना जाता है।
प्रकरण के शिकायतकर्ता रंजीत झाझोट द्वारा जो जानकारी गिरीश न्यूज़ को उपलब्ध कराई गई है उसके अनुसार संजय झांझोट के तीनों बच्चे 2001 के बाद के हैं ऐसी स्थिति में आरोपी कर्मचारियों पर क्यों करवाई नहीं हो रही है यह भी एक चर्चा का विषय है ।
इस बारे में जब गिरीश न्यूज़ ने आरोपी से इस संबंध में जानकारी ली तो उन्होंने बताया कि यह मकान पुश्तैनी हे उसे गलती से शासकीय भूमि पर दिखा दिया गया है वहीं बच्चों को लेकर कहा कि अभी तीन बच्चों वाला नियम मध्य प्रदेश में प्रस्तावित है लागू नहीं हुआ है ।
हालांकि अब यह मामला कलेक्टर की जनसुनवाई तक पहुंच चुका है और यहां शिकायतकर्ता को इस प्रकरण में शीघ्र कार्रवाई का आश्वासन दिया गया हे –