जिले में हो रही बोर्ड परीक्षाओं में लगाई शिक्षकों की ड्यूटी। जिले के कई विद्यालय हुए शिक्षक विहीन। कलेक्टर की जनसुनवाई में पहुंचा आवेदन
आगर मालवा-
पूरे प्रदेश के साथ आगर मालवा जिले में भी कक्षा 5 एवं 8 की बोर्ड परीक्षा जारी है। इसी दौरान संज्ञान में आया है कि जिले के ऐसे कई विद्यालय है जहां के समस्त शिक्षकों की परीक्षा में ड्यूटी लगा दी गई है और इसके चलते विद्यालय के अन्य छात्रों को पढ़ाने के लिए कोई शिक्षक उन स्कूलों में नहीं बचा है।
कुछ इसी प्रकार की शिकायत लेकर आगर के समाजसेवी जिला अध्यक्ष लोकतंत्र सेनानी एवं प्रहरी संघ राजेश देसाई आज कलेक्टर की जनसुनवाई में पहुचे और इसके बाद जिला परियोजना समन्वयक ने तत्काल समस्त विकासखंड स्त्रोत समन्वय को पत्र जारी करते हुए परीक्षा में शिक्षकों की ड्यूटी लगाते समय इस विषय को ध्यान में रखकर व्यवस्था करने के लिए आदेशित किया है।
राजेश देसाई ने अपने आवेदन में बताया कि आगर जिले में पांचवी एवं आठवीं कक्षाओं की परीक्षा वर्तमान में विभिन्न हाई स्कूलों के परीक्षा केंद्रों पर संचालित की जा रही है । उक्त स्कूलों में प्रायमरी एवं माध्यमिक शालाओं के शिक्षकों की ड्यूटी लगाई गई है।
अनेक ऐसे स्कूल हैं जिनमें पूर्व से ही स्टॉफ कम है व एक या दो शिक्षकों द्वारा पूरा स्कूल एवं अन्य विभागीय जिम्मेदारी निभाई जा रही है उन स्कूलों के समस्त स्टॉफ की ड्यूटी परीक्षा संचालन एवं इनविजिलेटर के रूप में लगा दी गई है। ड्यूटी लगाने से ऐसे विद्यालयो में कक्षा 1 से 4 व कक्षा 6 से 7 तक का शिक्षण कार्य परीक्षा के दिनों में बंद हो गया है व इन विद्यालयो में कक्षाएं नहीं लग पा रही है ।
वहीं ड्यूटी चार्ट बनाने में राजनैतिक रसूख रखने वाले शिक्षक, शासकीय अधिकारियों के रिश्तेदार व बाहुबली शिक्षकों को जानबूझकर व उनके प्रभाव में आकर छोड़ा जाकर ड्यूटी से मुक्त रखा गया है व अनेक बुजुर्ग व शारीरिक रूप से कमजोर शिक्षकों की ड्यूटी जिनमें अधिकांश महिलाएं है,उनकी ड्यूटी परीक्षा में लगा दी गई है व ड्यूटी लगाते समय यह विचार भी नही किया है कि शिक्षक नहीं रहने से अन्य बच्चों की पढ़ाई पर क्या प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा वे गांव से परीक्षा केंद्र कैसे पहुंचेगे। प्रशासन के इस रवैये के कारण पालकों व जनता में अधिकारियों के प्रति व्यापक रोष है। कक्षाएं जिनकी स्थानीय स्तर पर जिन बच्चों की परीक्षाएं आगामी दिनों में होना है उनकी पढ़ाई नही होने के कारण उनके भविष्य व प्रतिभा पर विपरित प्रभाव पड़ेगा व पढ़ाई नही करवा पाने के कारण शिक्षकों का मनोबल भी प्रतिकूल रुप से प्रभावित होगा व रिजल्ट पर भी कम परसेंटेज आने से विपरित प्रभाव पड़ेगा।
परीक्षाएं आगामी 10 से 15 दिनों तक चलेगी ऐसी स्थिति में पुनर्विचार कर जिन स्कूलों के समस्त स्टॉफ की ड्यूटी लगने के कारण शिक्षण कार्य बंद हो रहा है उनकी ड्यूटी निरस्त करवाई जाकर जिन स्कूलों में अध्यापक दो या दो से ज्यादा है उन स्कूलों से ड्यूटी लगवाई जाकर छोटे बच्चों के भविष्य को सुरक्षित किया जावे ताकि अध्यापन प्रभावित ना हो ।
इसके बाद शिक्षा विभाग के जिला परियोजना समन्वयक एम.के. जाटव ने भी तत्काल जिले के समस्त विकासखंड स्त्रोत समन्वयकों को पत्र जारी कर इस अनुसार व्यवस्था करने के निर्देश जारी किए है।
