पर्यावरण संरक्षण की याचिका में स्टे मिलने के बाद। याचिकाकर्ता के भाई की दुकान हटाई नगर पालिका ने। नगरपालिका पर लगे द्वेषतापूर्वक कार्रवाई करनें के आरोप
आगर-मालवा-
नगर के सामाजिक कार्यकर्ता देवेंद्र वर्मा द्वारा “नेहरू स्मृति वन” में अवैध वृक्ष कटाई और अवैध निर्माण के खिलाफ मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय, इंदौर में दायर जनहित याचिका क्रमांक WP-13722/2025 के समर्थन में रोक आदेश मिलने के कुछ ही दिनों बाद नगर पालिका आगर ने विवादास्पद कार्रवाई करते हुए उनके भाई जितेन्द्र वर्मा की सरकार बाड़ा स्थित व्यवसायिक सांची पार्लर को बिना पूर्व सूचना और बिना सुनवाई के अचानक जप्त कर हटाने का आरोप लगाया है।
देवेन्द्र वर्मा ने पुलिस अधीक्षक आगर-मालवा को दिए प्रार्थना पत्र में बताया कि उन्होंने सार्वजनिक हित में याचिका दायर की थी, जिस पर माननीय उच्च न्यायालय ने 25 अप्रैल 2025 को अवैध कटाई और निर्माण पर रोक लगा दी। इसके बाद नगर पालिका के अधिकारियों ने उनके और उनके परिवार के खिलाफ दुर्भावना और प्रतिशोध की भावना से कार्रवाई की।
इसी प्रकार जितेंद्र वर्मा ने कलेक्टर को भेजी अपनी शिकायत में बताया कि वे पिछले 30 वर्षों से नगर पालिका द्वारा आवंटित ‘सांची पार्लर’ व्यवसाय चला रहे थे। हाल ही में नगर पालिका ने किराये की राशि में 6900% यानी 70 गुना तक वृद्धि कर दी थी, जिसका विरोध कई व्यवसायियों ने किया। हालांकि अधिकांश व्यवसायियों द्वारा बढ़े हुए किराये का भुगतान नहीं किया गया, फिर भी अचानक 1 मई 2025 को केवल उनकी सांची पार्लर का आवंटन निरस्त कर उसे जप्त कर लिया गया, जबकि अन्य के खिलाफ ऐसी कठोर कार्रवाई नहीं हुई।
जितेंद्र वर्मा ने इसे नगर पालिका द्वारा उनके खिलाफ प्रतिशोधात्मक और भेदभावपूर्ण कार्रवाई बताया। उन्होंने मांग की कि उनका सांची पार्लर गुमटी तुरंत वापस सौंपी जाए और भविष्य में ऐसी दुर्भावनापूर्ण कार्रवाई से सुरक्षा प्रदान की जाए।
दोनों भाइयों ने प्रशासन से निष्पक्ष जांच और न्याय की मांग करते हुए चेताया कि यदि उनके या उनके परिवार को कोई मानसिक, आर्थिक या शारीरिक क्षति पहुँचती है, तो उसकी पूरी जिम्मेदारी नगर पालिका के संबंधित अधिकारियों और पुलिस प्रशासन की होगी।
नगर पालिका सीएमओ ने बताया इसे नगरपालिका की नियमित कार्यवाही-
जब इस संबंध में नगर पालिका सीएमओ पवन कुमार फुल फकीर से गिरीश न्यूज़ नें चर्चा की तो उन्होंने इसे नगरपालिका की नियमित कार्रवाई बताते हुए बताया कि आरोप लगाने वाले सांची पार्लर संचालक पर 80,000/- रुपए नगरपालिका का बकाया था और इस संबंध में इनको अप्रैल माह में नोटिस भी दिया गया था वहीं उज्जैन सांची पार्लर संस्था द्वारा इस दुकान की परमिशन रद्द करनें के बाद आगर नगरपालिका द्वारा भी इस दुकान की अनुमति निरस्त कर दी गई है। इसके बाद नगर पालिका द्वारा यह दुकान हटाने की कार्रवाई की गई है एवं जल्द इस प्रकार के अन्य व्यापारियों पर भी इसी प्रकार के कार्रवाई की जाएगी।